कानपुर : खेत में मिला दुर्लभ प्रजाति का रुद्राक्ष वृक्ष, दूर-दूर से देखने पहुंच रहे लोग

घाटमपुर। कानपुर नगर के भीतरगांव ब्लॉक अंतर्गत दौलतपुर गांव के पश्चिम दिशा में स्थित एक खेत लगे पेड़ पर दुर्लभ प्रजाति का फल लगा देखा तो लोग हैरत में पढ़ गए। लोगों को खेतों मे खड़े एक दुर्लभ प्रजाति के वृक्ष के बारे मे जानकारी हुई है। लोगों मे प्रतिदिन कौतुहल बढ़ता जा रहा है।यहा पर प्रतिदिन दर्शन हेतु लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है। हिमालय की बर्फीली वादियों में बसे नेपाल से पक्षियों द्वारा लाए गए इस रुद्राक्ष के पेड़ में इस बार खूब फल आए हैं। इनमें से बहुत ही दुर्लभ पाए जाने वाले एक मुखी रुद्राक्ष भी हैं।

शहर के गर्म वातावरण में इस पेड़ को फलने-फूलने के लिए विशेष देख-रेख की जरूरत पड़ती है। ऐसे में यहां पर वृक्ष में फल लगे हुए है। यहां पर यह वृक्ष वातावरण के अनुसार अपने आप को ढाल नही पाते है, इसलिए पेड़ में लगें लगभग सभी फल खराब हो जाते है। पहली बार इस वृक्ष में रुद्राक्ष का फल लगा देख लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। पहले लोग इसे जंगली वृक्ष मान रहे थे। फल लगने के बाद क्षेत्र में रुद्राक्ष के पेड़ देखने को लोगों की भीड़ लगी हुई है।

  • बोरवेल से हुई थी, पेड़ की उत्पत्ति

दौलतपुर गांव निवासी रामबिहारी अग्निहोत्री के खेत मे स्थित बोर वेल मे कहीं से आए बीज से यह वृक्ष दिखाई पड़ा था। इसे लोग अभी तक जंगली पौधा मानकर नजर अंदाज करते रहे है। अब जब धीरे-धीरे उसमे फल आने शुरू हो गए है, तभी यहां से निकल रहे एक सन्त ने वृक्ष की पहचान रुद्राक्ष के पेड़ के रूप मे करते हुए लोगो को इस वृक्ष की महत्ता बताई। जानकारी मिलते ही प्रतिदिन धीरे-धीरे लोगों का आना शुरू हो गया। लोगो की मान्यता है रुद्राक्ष मे शिव का निवास होता है। इस लिए वृक्ष को शाक्षात शिव मानते हुए लोगों ने पूजा अर्चना शुरू कर दी है।

  • वातावरण से प्रभावित होता रुद्राक्ष का फल

भगवान शिव का स्वरूप माने जाने वाले रुद्राक्ष का यह दुर्लभ पेड़ भीतरगांव ब्लॉक के दौलतपुर नर्वल गांव के पश्चिम दिशा मे राम विहारी अग्निहोत्री के खेत मे लगभग पंद्रह वर्षों से स्थित है। ठंडे वातावरण में पनपने वाले इस पेड़ के लिए विशेष देखरेख की जरूरत होती है। गर्मी के दिनों में इस वृक्ष को धूप से बचाया जाता है। साथ ही चींटी व अन्य कीड़ों से बचाने के लिए इसमें नीम की पत्तियों का चूरा और कीट नाशक पाउडर डाला जाता है। गांव निवासी रामविहारी अग्निहोत्री ने बताया कि यहां के वातावरण मे इसका ग्रोथ करना अपने आप मे एक चमत्कार है। बारिश के मौसम में इसमें सफेद फूल लगते हैं। जो तीन महीने में फल बन जाते हैं। और पककर स्वयं जमीन पर गिर जाते हैं। बताया की इस दुर्लभ पेड़ में इस साल इसमें एक मुखी रुद्राक्ष लगे हैं। पेड़ पर वन विभाग को ध्यान देना चाहिए परंतु आज तक विभाग से कोई पूछने तक को नही आया।

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