कानपुर : इरादों में छिपी है क्षमताओ का संयोजन : डॉ. भानु

कानपुर। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के यूनिवर्सल वैल्यू सेल के संयोजन में आयोजित फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम यूनीवर्सल ह्यूमन वैल्यू-2 पर आठ दिवसीय कार्यशाला आज चौथा दिन रहा। एआईसीटीई के सहयोग से आयोजित यह कार्यशाला पांच सत्रों में आयोजित की गई। रिसोर्सपर्सन डॉ. भानु प्रताप सिंह ने सभी प्रतिभागियों को अपने विचारों में इरादों और क्षमताओं को ठीक से देखने को कहा। उन्होंने कहा कि जब भी कभी हमें इरादों पर संदेह होता है, तब रिएक्शन होता है और अगर हम इरादों को ठीक से देख पाते हैं तो रिस्पांस मिलता है।

कार्यशाला मे राइट हेयर राइट नाऊ मूवी में रिएक्शन और रिस्पांस के बारे में बारीकी से दिखाया गया। रिसोर्स पर्सन ने सम्मान और बाकी भावों के बारे में भी बताया। इसमें संबधों में भावनाओं की बात की गयी। बताया गया कि संबधों में नौ तरह के भाव होते हैं- विश्वास, सम्मान, स्नेह, ममता, वातसल्य, श्रद्धा, गौरव, कृतज्ञता और प्रेम। अंतिम सत्र में सभी प्रतिभागियों के साथ समूह चर्चा की गई, जिसमें उन्होंने पूरे दिन क्या सीखा उसके बारे में अपने विचार साझा किए। ए.आई.सी.टी.ई के आब्जर्वर पवनेन्द्र कुमार ने बताया कि आज की वर्कशॉप में प्रतिभागियों ने इरादों और क्षमताओं के बारे में सीखा। उन्होंने बताया कि अगर हम सही से देखें तो हम सभी के इंटेंशन एक जैसे हैं। जो भिन्नता हैं वो योग्यता के आधार पर है। इंटेंशन पर विश्वास बने रहना हर संबंध आधार है। इंटेंशन को देख पाना ही विश्वास है। यूएचवी सेल के कोआर्डिनेटर डॉ. आर.एन. कटियार ने बताया कि आज के सत्रों में परिवार के ऊपर विस्तृत चर्चा की गई। आज के दौर में ज्यादातर परिवार एकल परिवार हो रहे हैं। उसका मुख्य कारण विश्वास का न होना है।

उन्होंनें बताया कि आज के सत्र में विश्वास क्या है और इसे एक-दूसरे के प्रति कैसे बनाए रखा जाये, विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। विश्वास से ही सभी मिलकर हंसी-खुशी का माहौल बनाकर एक साथ रह सकते हैं और ऐसा करने से किसी भी संस्था को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।

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