कानपुर : जिनपर सरकारी जमीन कब्जाने का एक भी मामला नहीं, उनका नाम भूमाफिया में

कानपुर। पुलिस कमीश्नरी लागू होने के बाद जहां कई दबंगों पर कार्रवाही हुई है तो वहीं कई रसूखदारों को भूमाफिया बना दिया गया। बिकरू कांड के कुख्यात विकास दुबे के खास जय बाजपेई की भाभी को भूमाफिया भी घोषित किया गया है। वहीं, शहर के कई ऐसे थाने भी जहां एक भी भूमाफिया नहीं है।

पुलिस कमिश्नरी से मिली जानकारी के अनुसार जहां चकेरी और कल्याणपुर में सबसे ज्यादा भूमाफिया है वहीं शहर के 35 थाने ऐसे है जहां आज तक थाना स्थापित होने के बाद से कोई भूमाफिया पैदा नहीं हुआ। सुनने में कुछ अजीब लगेगा पर ये हकीकत है। हालाकिं तीन जून की हिंसा के बाद कई ऐसे लोगों के नाम सामने आये है जिन पर सरकारी अ‍ैर ट्रस्ट की जमीन कब्जाने के आरोप है पर उन्हें भूमाफिया तो दूर गैंगस्टर तक की कार्रवाई नहीं की गयी।

पुलिस कमिश्नरेट के जिन थानों में एक भी भूमाफिया नहीं उनमें रेलबाजार, छावनी, फजलगंज, हनुमत बिहार, चमनगंज, मूलगंज, सीसामऊ, बाबूपुरवा, साढ़़, अनवरगंज, फीलखाना, अर्मापुर, गोविन्द नगर, बेकनगंज, कलक्टरगंज, ग्वालटोली, स्वरूप नगर, सचेंडी, जूही, नवाबगंज हरबंश मोहाल, साढ, रायपुरवा, नर्वल, सजेती, घाटमपुर, कर्नलगंज शुमार है।

हालाकिं बेकनगंज में रहने वाले बाबा बिरयानी के ऊपर ट्रस्ट की जमीन कब्जाने के कई मुकदमें विभिन्न थानों में दर्ज है, वहीं सचेंडी में सरकारी और प्राईवेट जमीन कब्जाने वालों का नाम केडीए की अभिलेखों में दर्ज है। पर सरकारी विभागों के बीच समांजयस न होने के चलते कई भूमाफिया पुलिस की राडार पर नहीं आ पा रहे है।

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