
फोटो कैप्शन-अपनापन फाउन्डेशन रसोई के तैयार भोजन की पडताल करते हुए शहर के सामाजिक कार्यकर्ता
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– राहुल चतुर्वेदी
गाजियाबाद। शहर की सामाजिक संस्था अपनापन फाउन्डेशन पिछले पांच वर्षो से गरीबो को हर मंगलवार निशुल्क भोजन उपलब्ध करा रहा है। हालांकि कोरोना काल में कुछ महीने के लिए इस मुहिम को प्रशासन की गाइड लाइन के कारण बे्रककर दिया गया था। अब इस मुहिम को पुनः चालू कर दिया गया है। खास बात यह है िकइस भोजन के तैयार करने और उसके वितरण में किसी भी सरकारी सहायता नही ली जाती है।
संस्था से जुडे लोग अपने निजी सहयोग से इस रसोई को संचालित करते है। इस रसोई का नाम भी अपनापन रसोई रखा गया है। अपनापन फाउन्डेशन के संस्थापक संयोजक अशेाक गोयल से इस संबंध में बातचीत हुई तो उन्होने कहा कि हम यह रसोई किसी प्रचार प्रसार के लिए नही बल्कि इस रसोई से जो हमे आत्म संतुष्टि मिलती है यही उनके लिए सबसे बडा पारितोषिक है। जिसका वर्णन नही किया जा सकता ।
उन्होने बताया कि रसोई तैयार होने से पहले भोजन को साइंटिफिक तरीके से जांचा जाता है। उसके बाद ही इस भोजन को वितरण के लिए भेजा जाता है। जीटी रोड घंटाघर स्थित हनुमान मंदिर के समीप यह रसोई पिछले पांच वर्षो से लगातार चल रही है। सुबह 11 बजे भोजन वितरण का कार्यक्रम शुरू हो जाता है और देर शाम तक तब तक चलता रहता है जब तक लोग आते रहते है। अभी इसका दायरा मंगलवार है लेकिन आने वाले समय में भोजन वितरण का यह क्षेत्र पूरे सप्ताह चलाने की योजना है।
गाजियाबाद ही नही बल्कि राजस्थान में भी यह रसोई वहां के कई जिलो में इस समय गरीबो को निशुल्क भोजन उपलब्ध करा रही है। भोजन वितरण के अलावा यह संस्था गरीब लोगो की आंखो का आॅपरेशन और जिनको कम सुनाई देता है उन्हे सुनने वाली मशीन उपलब्ध कराता है। यह संस्था अभी तक 43 निशुल्क आंखो के शिविर आयोजित कर चुकी है। जिसमें 400 से भी अधिक लोगो के मोतियाबिन्द के आॅपरेशन सफलता पूर्वक किये जा चुके है। श्री गोयल ने बताया कि हापुड जनपद के पिलुखवा इलाके में वह एक गौशाला भी संचालित करते है। यह गौशाला उनके पूर्वजो के जमाने से चली आ रही है। इस गौशाला में निराश्रित गौवंश को संरक्षण दिया जाता है। यहां ज्यादातर बीमार या किसी दुर्घटना में घायल गौवंश शामिल है।