
कोरोनावायरस (Coronavirus) कई विषाणु प्रकारों का एक समूह है, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा बताया गया है कि कोरोनावायरस का प्रभाव सी-फूड से हुआ है अर्थात समुद्री उत्पादों से हुआ है, स्तनधारियों और पक्षियों के कारण भी यह रोग बढ़ा है। यह वायरस अत्यधिक जानलेवा है। मानवों में यह श्वास तंत्र संक्रमण के कारण होते हैं, गाय और सूअर में यह अतिसार और मुर्गियों में यह ऊपरी श्वास तंत्र के रोग के कारण बनते हैं। इनकी रोकथाम के लिए कोई टीका (वैक्सीन) या वायररोधी (antiviral) अभी उपलब्ध नहीं है और उपचार के लिए प्राणी की अपने प्रतिरक्षा प्रणाली पर निर्भर करा जाता है और रोगलक्षणों (जैसे कि निर्जलीकरण या डीहाइड्रेशन, ज्वर, आदि) का उपचार करा जाता है ताकि संक्रमण से लड़ते हुए शरीर की शक्ति बनी रहे। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसका नाम COVID-19 रखा। कोरोना वायरस आज के समय की सबसे विकट समस्या समस्या बनकर उभरा है। दूसरे वायरस की तरह यह वायरस भी जानवरों से आया है। लेकिन, इसकी शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई थी और चीन के ही ज्यादातर इलाको में इसका प्रकोप भी है| लेकिन अब विश्व के अनेक देश इस संक्रामक रोग की चपेट में हैं विश्वभर में रिसर्च जारी है कि, आखिर कैसे कोरोनावायरस पर काबू और इसका उपचार किया जाये कैसे इस बिकट समस्या से पार पाया जाये ?
कोरोना वायरस के लक्षण-
कोरोना वायरस के लक्षणों को आसानी से पहचाना नहीं जा सकता। लेकिन बुखार होना, जुकाम होना, गले में खराश होना, सांस लेने में तकलीफ़ होना आदि होने पर परहेज और डॉक्टरी सलाह अत्यंत आवश्यक है, इसलिए यदि आपको हल्का सा भी बुखार हो तो सबसे पहले मेडिकल टेस्ट कराना चाहिए ताकि इसके संक्रमण के बारे में समय रहते जाना जा सके।
कोरोना वायरस से बचने के उपाय-
- कोरोनावायरस बहुत तेज रफ़्तार से दुनिया भर में अपने पैर पसार रहा है, जिससे स्थिति भयावह होती जा रही है, इस संक्रमण से बचने के लिए लोग कई तरह के उपाय कर रहे हैं, हालांकि इन तमाम तरह के उपायों और भ्रांतियों पर विश्व स्वास्थ्य्य संगठन (WHO) ने विस्तार से जानकारी दी है| कि किन उपायों को करने से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है।
- कोरोना वायरस से किसी भी उम्र के लोग प्रभावित हो सकते हैं. पहले से अस्थमा, डायबिटीज, दिल की बीमारी आदि से जूझ रहे लोगों को इस वायरस से ज्यादा खतरा है,
- दिन में कम से कम पांच बार हाथ धोने चाहिए।
- हाथ धोने के लिए किसी अच्छे साबुन अथवा अल्कोहल वाले हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए।
- मुंह ढक कर खाँसना और छींकना चाहिए तथा टिशू पेपर, जिससे मुंह ढका हो, उसे अच्छे से फेंकना चाहिए ताकि कोई और व्यक्ति उसकी चपेट में ना आ जाए।
- लहसुन में कुछ रोगाणुरोधी गुण हो सकते हैं, इसलिए लहसुन खाना कोरोना को रोकने में मददगार है,
- हाथों के जरिये यह बहुत जल्दी फैलता है, इसलिए हाथ मिलाने से बचना चाहिए।
- माँस और अंडे का सेवन करने से बचना चाहिए तथा संक्रमित व्यक्तियों से बच कर रहना चाहिए।
- गला सूखने न दें और आवश्यकतानुसार पानी पीते रहें।
- जंगली जानवरों से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए।
कोरोनावायरस व ज्योतिष-
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा बताया गया है कि कोरोनावायरस का प्रभाव सी-फूड से हुआ है, अर्थात समुद्री उत्पादों से हुआ है, वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वायरस चीनी शहर वुहान के समुद्री जीवों को बेचने वाले बाज़ार से निकला है, ये बाज़ार जंगली जीवों जैसे सांप, रैकून और साही के अवैध व्यापार के लिए चर्चित था, स्तनधारियों और पक्षियों के कारण भी यह रोग बढ़ा है। यह वायरस अत्यधिक जानलेवा है। मानवों में यह श्वास तंत्र संक्रमण के कारण होता है,
विषाणु जनित रोगों के लिए राहु केतु व शनि जैसे ग्रह भी जिम्मेदार माने जाते हैं, क्योंकि यह वायु तत्त्व ग्रह है जो की इस संक्रमण को फैलाने का काम करते है, तथा केतु गुरु व केतु मंगल का एक साथ होना बहुत से दुर्योगों का निर्माण करता है, जिसके कारण करोनावायरस जैसी परिस्थितियों का निर्माण होता है बुध ग्रह पर शनि और मंगल का प्रभाव हो तो भी ऐसी ही परिस्थितियों का निर्माण होता है।
सूर्य आरोग्य का कारक है और यदि वह गोचर में कमजोर चल रहा हो तो भी रोग होने की संभावना बढ़ जाती। गोचर में शनि की राशि (मकर कुम्भ) में जनवरी से सूर्य का गोचर हुआ है जोकि मध्य फरवरी तक मकर राशि में और उसके बाद मध्य मार्च तक कुंभ राशि में रहेगा। इस प्रकार शनि की राशि में होने से सूर्य कमजोर स्थिति में होता है।
गुरु एक लाभकारी ग्रह है, और कुछ विशेष स्थितियों को छोड़कर कुंडली में लाभ देने का ही कार्य करते है। गोचर कुंडली में गुरू-केतु और मंगल का संयोजन धनु राशि में हो रहा है धनु के स्वामी गुरू है। कुंडली में इन ग्रहों के संयोजन के कारण दो खतरनाक और दुष्प्रभाव देने वाले योग नजर आते है। गुरू व केतु मिलकर गुरुचण्डाल दोष और मंगल और केतु मिलकर अंगारक दोष का निर्माण कर रहे हैं। गुरु वृद्धि के कारक हैं, वृद्धि करना अर्थात बढ़ाना या प्रसार करना, तो इस रोग के फैलने में बृहस्पति भी मुख्य भूमिका निभा रहा है। इस प्रकार बृहस्पति और केतु की युति ने इसमें महत्वपूर्ण रोल निभाया और कोरोनावायरस आज एक महामारी बन कर उभरा है,
कुंडली में मिथुन राशि से गले के रोग देखे जाते हैं तथा कर्क राशि फेफड़े और जल संबंधित बीमारियों को दर्शाती है। कर्क और मिथुन राशि के पीड़ित होने के कारण ही यह रोग तेजी से फैला है| वर्तमान समय में राहु का गोचर मिथुन राशि में ही चल रहा है तथा मंगल भी बृहस्पति और केतु के साथ धनु राशि में बैठकर मिथुन और कर्क राशि को अपनी पूर्ण दृष्टि से देख रहा है, ऐसी स्थिति में मिथुन और कर्क दोनों ही राशियाँ पीड़ित हैं।
डॉक्टरी नतीजों से यह बात सामने आयी है कि जिन लोगों को डायबिटीज़ या डिप्रेशन की समस्या पायी गई है, उन्हें कोरोनावायर ज्यादा और जल्दी प्रभावित कर रहा है। डायबिटीज़ के लिए भी बृहस्पति और डिप्रेशन के लिए चन्द्रमा मुख्य रूप से जिम्मेदार ग्रह हैं। ये दोनों ही रोग व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर बना देते हैं। कुंडली में बने इन्ही दोष के कारण कोरोनावायरस तेजी से दुनियाभर में फैल रहा है। ऐसा देखा गया है कि जब-जब गुरू और मंगल की युति हो और वह विपरीत स्थिति में हों अर्थात पाप ग्रहों के प्रभाव में हों यहाँ गुरु मंगल के साथ केतु की युति है, और राहु की दृष्टि, जब भी यह दोनों ग्रह प्रतिकूल परिस्थिति में होते है तब बड़े संक्रमण या वायरस के महामारी में परिवर्तित होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है।
कोरोना वायरस और आयुर्वेद-
- आयुर्वेद का सम्बन्ध अथर्ववेद से हैं, इसमें आयुर्वेद चिकित्सा का वर्णन प्राप्त होता है, तथा आयुर्वेद के प्राचीन ग्रन्थों में प्रत्येक रोग का समाधान भी प्राप्त होता है, उसी के आधार पर कुछ विशेष उपाय बताये गए हैं,
- व्यक्ति को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार नींबू, हरी मिर्च, संतरा, लहसुन, दही खाने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है।
- विटामिन डी प्राप्त करना भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे रोगों से लड़ने में सहायता मिलती है। विटामिन डी का मुख्य स्रोत सूर्य की रोशनी है।
- शहद गर्म पानी के साथ सुबह खाली पेट सेवन करे।
- संक्रामक रोगों से बचने के लिए विटामिन सी का सेवन करना चाहिए जो कि नींबू और आंवले में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
- जातक को प्रतिदिन 3 – 4 बूँद गोमूत्र का सेवन करना चाहिए।
- माथे पर शुद्ध सिंदूर का तिलक लगाएँ क्योंकि इसमें सीसा (लेड) पाया जाता है और आयुर्वेद के अनुसार सीसा की भस्म कई रोगों को दूर करने में सक्षम होती है
- इलायची, लौंग, काली मिर्च और जावित्री को मिलाकर उसका सेवन करना चाहिए|
- घर मे कोरोना वायरस न आने पाए इसके लिए लोबान,गुगल, कपूर,देशी घी और चंदन का बूरा इसे मिला कर हवन सामग्री बना ले सुबह शाम दोनों समय इसे जलाकर इस हवन सामग्री को पांच चुटकी डाले और इससे निकलने वाले धुआं को सारे घर मे फैलाये। साथ ही घर मे शंखनाद करे। इसको करने से घर के अंदर के सारे नकरात्मक ऊर्जा वायरस आदि समूल नष्ट हो जाएंगे।और कोई नए वायरस की एंट्री नही होगी।
- खाने में गुड़ का और अदरक का उपयोग करें। और गिलोय का सेवन करें।
- प्रतिदिन अपने घर में कपूर और गूगलधुप जलाकर पूरे घर में घुमाएं, जिससे विभिन्न प्रकार के कीटाणुओं का नाश हो सके और वातावरण भी शुद्ध हो जाये।
- प्रतिदिन योग और व्यायाम करें, जिससे आपका शरीर मजबूत हो और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े तथा आप कोरोना वायरस की चपेट में आने से बच सकें।
कोरोना वायरस और ज्योतिषीय उपाय-
वेदों के छः अंगों में ज्योतिष शास्त्र को चक्षु अर्थात नेत्र के रूप में स्वीकार किया गया है, ज्योतिष नेत्र है, जो प्रत्येक समस्या को समझकर उसका निदान करने की क्षमता रखता है| क्यूंकि इसमें हर समस्या से मुक्ति पाने के लिए कुछ ज्योतिषीय समाधान दिए गए हैं| आइये जानते है कोरोना वायरस जैसी महामारी से बचने के लिए क्या समाधान किये जाने चाहिए, कोई भी विषाणु तभी आक्रमण कर सकता है, जब आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, कोरोना वायरस भी एक विषाणु है, जो आपको संक्रमित करता है, इसलिए आपको इसकी रोकथाम के कुछ उपाय करने चाहियें।
ऊपर जिन-जिन ग्रहों का वर्णन किया गया है, उन ग्रहों को मजबूत करने के उपाय आपको करने चाहिए ताकि इनसे होने वाली समस्याओं में कमी आए।
कोरोना वायरस से बचाव का सबसे अच्छा और सटीक उपाय दुर्गासप्तशती से लिया हुआ माँ दुर्गा का यह मंत्र आपको रोग मुक्त रखने में मदद करेगा।
‘‘रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभिष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिताह्माश्रयतां प्रयान्ति ॥’’
प्रतिदिन इस मंत्र का यथाशक्ति जाप करने से रोग से मुक्ति मिलती है।
नीलकंठ महादेव का ध्यान करें, क्यूंकि जो विष फैल रहा है वही उससे से मुक्ति दिला सकते हैं|
महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें- ‘ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिम् पुष्टिवर्धनम। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।’ और ॐ नमः शिवाय का जाप करें|
सुबह स्नान के बाद केसर का तिलक लगाकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
गुरु को प्रबल करने के लिए हल्दी का उपयोग करें और दूध में हल्दी का सेवन करें|
घर में नवग्रह हवन करवाएं। इससे हवा में कोरोना वायरस का असर खत्म हो जाएगा तथा आप और आपका परिवार सुरक्षित रहेंगे।
चीटियों को आटा और मछलियों को आटे की गोलियां बनाकर खिलाएं|