लखीमपुर खीरी । एसडीएम और रेंजर के मामले का विवाद अभी निपटा भी नहीं कि दक्षिण निघासन रेंज लुधौरी के डीहा बीट से बुधवार को करीब 50 बोटे खैर की लकड़ी डीएफओ शौर्य सहाय ने मौके से ही पकड़ ली।जब्त की हुई लकड़ी को देर रात रेंजर ने ठेकेदारों के द्वारा छिलवाकर कई बोटे गन्ने के खेत मे छिपवा दिए। वहीं अलख सुबह ही खैर के बोटे लुधौरी रेंज पहुँचा दी गई। हालांकि पूरे मामले की जांच डीएफओ शौर्य सहाय खुद ही कर रहे हैं। गौरतलब है कि निघासन लुधौरी वन क्षेत्र के गौढ़ी पुरवा के बहतिया के करीब गत्रे के खेत मे खैर की लकड़ी के 50 बोटा बरामद हुए हैं, सूचना पर पहुंचे डीएफओ के द्वारा बरामद खैर की लकड़ी को अपने कब्जे मे ले लिया है।
इतनी भारी मात्रा मे बरामद खैर की लकड़ी मे लुधौरी रेंजर की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। स्थानीय लोगो के द्वारा डीह व मटहिया के दो से तीन ठेकेदारो व स्थानीय वाचर की लकड़ी कटान मे शामिल होने की आशंका जाहिर की है। बहतिया नाले के किनारे वन विभाग के जंगल मे खैर व शीशम के पेड़ बड़े पैमाने पर लगे है। वाचर व स्थानीय ठेकेदारों से मिलकर जंगल की बेशकीमती लकड़ी को काट कर अन्य क्षेत्रो मे सप्लाई की जा रही थी। बीते शाम को वन विभाग के उच्च अधिकारियों को गौढ़ीपुरवा के बहतिया नाले के करीब रिटायर्ड जेलर के खेत के पड़ोस के गत्रे के खेत मे खैर की लकड़ी के होने की सूचना मिली थी मौके पर पहुंचे डीएफओ ने करीब 50 बोटा खैर की लकड़ी बरामद की ।
बरामद लकड़ी को वन विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया वन माफियाओं को शायद वन विभाग के अधिकारियों की आने की सूचना पहले मिल गई थी वे लोग लकड़ी के बोटो को गन्ने में छिपाने मे लग गये। वन माफियाओं को उच्चाधिकारियों के आने की सूचना जैसे ही मिली कि ठेकेदार व वन विभाग के कर्मचारियों ने लकड़ी को महफूज करने में जुट गए हालांकि वन माफिया भारी मात्रा में खैर के बोटे छिपाने मे कामयाब नही हो पाये और वन विभाग के अधिकारी मौके पर ही पहुंच गए।
वहीं वन विभाग के उच्च अधिकारियों के द्वारा बरामद खैर की लकड़ी को किसान के खेत से कटी व परमिट होने की बात कही जा रही है जब कि प्रतिबंधित खैर की लकड़ी सिर्फ वन विभाग के जंगलों में पाई जाती है ऐसे में वन विभाग सवालों के घेरे में आकर खड़ा हो गया है इतने बड़े पैमाने पर खैर की बेशकीमती लकड़ी बरामद हो जाने के बाद भी लुधौरी रेंजर को अभय दान मिला हुआ है।
वर्जन- डीएफओ, शौर्य सहाय
अभी तक पता चला है कि किसान के पेड़ है फिलहाल एसडीओ को मौके पर भेजा है जांच प्रचलित है।पांच पेड़ का परमिट है।अगर रेंजर का दोष सिद्ध होता है तो कार्रवाई की जाएगी।
वर्जन—-मनोज तिवारी, एसडीओ निघासन नॉर्थ खीरी
कुल 73 बोटो की अनुज्ञा ली गई थी इसमे कौई दिक्कत वाली बात नही है वहा कुछ किसान खैर की लकड़ी भी अपने खेतो मे लगाते है।