लखीमपुर : कटान की वजह से कोरियाना गांव का अस्तित्व शारदा नदी में समाहित

लखीमपुर खीरी। बिजुआ तहसील गोला क्षेत्र में शारदा के तटवर्टी इलाकों में वर्षों से नदी के कटान का क्रम जारी है। कटान की वजह से बिजुआ ब्लॉक क्षेत्र के कोरियाना गांव का लगभग अस्तित्व पूरी तरह से समाप्त हो चुका है। यहां के लगभग सभी घर और लगभग सैकड़ों एकड़ भूमि शारदा में समाहित हो चुकी है। अब शारदा नदी भूमि को काटते हुए बझेड़ा, दौलतापुर, दम्मबल टांडा, बेल्हा, हजूर पुरवा, करसौर, नयापुरवा, बेचेपुरवा, रूरा सुल्तानपुर की तरफ तेजी से बढ़ रही है।

यदि कटान का कहर ऐसे ही जारी रहा तो दर्जनों गांव शारदा की लहरों में समा जाएंगे और आबादी वाले स्थान पर सिर्फ शारदा की लहरें ही दिखाई देंगी। दशकों वर्ष पूर्व शारदा नदी के किनारे के गावो में तमाम लोगों की आबादी हुआ करती थी। चारों तरफ घर और पेड़-पौधे दिखाई देते थे।

शारदा के निशाने पर कई गांव

इसी बीच मां शारदा ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया और कटान का क्रम शुरू हो गया। खासकर प्रत्येक वर्ष बारिश के मौसम में शारदा के जलस्तर में वृद्धि होने पर नदी भूमि को काटते हुए गांव की तरफ बढ़ने लगी थी। धीरे-धीरे यहां हजारों घर एवं सैकड़ों एकड़ भूमि शारदा नदी की लहरों में समाहित हो गई और पूरे गांव का अस्तित्व ही समाप्त हो गया। अब शारदा नदी कृषि योग्य भूमि को काटते हुए कोरियाना, रूरा सुल्तानपुर, बेल्हा हजूर पुरवा बझेड़ा, नया पुरवा, आदि गांवों की तरफ तेजी से बढ़ रही है। इससे यहां रहने वालों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई देने लगी हैं। यहां हर दिन शारदा नदी कुछ न कुछ भूमि को अपनी आगोश में ले रही है। यदि कटान का कहर नहीं रुका तो शारदा की गोद में कई गांव समा जाएंगेे। लेकिन प्रशासन इस ओर गंभीर नहीं है।

नहीं चेता प्रशासन तो मिट जायेगा वजूद

ग्रामीण मुकेश यादव नयापुरवा

हमारे गांव में कोई भी प्रशासनिक अधिकारी अभी तक नहीं आया। कल मीडिया द्वारा खबर चलाने के बाद कुछ अधिकारी गांव में आए थे लेकिन हमे केवल आश्वासन देकर चले गए। गांव में लोगों के सिलेंडर खत्म हो चुके हैं और पूरे गांव में सभी के घरों में पानी भरा हुआ है हम लोग कैसे खाना बनाएं और क्या खाएं। प्रशासन ने अभी तक कोई भी पुख्ता इंतजाम नहीं किए है।

संकटा प्रसाद निवासी करसौर

हमारे गांव से रूरा सुल्तानपुर जाने वाले मार्ग पर पूरा पानी भरा है जिस कारण हम लोग रूरा सुल्तानपुर बैंक तक नही जा पा रहे है। हमारे वहां स्कूल में भी पानी भरा है जिससे बच्चो की पढ़ाई भी बाधित है। कोई भी अधिकारी देखने नही आता।

पीड़ित ग्रामीण रामकिशोर नया पुरवा

मेरा मकान धीरे-धीरे करके नदी में समा रहा है जिस मकान को बनाने मे मैंने अपना पूरा जीवन लगा दिया साहब आज हमारा मकान पूरा नदी में चला गया। अभी तक प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार की कोई सहायता नहीं मिली। आज 4 दिनों से हमारे परिवार ने खाना नहीं खाया। खाना बनाने के लिए कोई जगह नहीं है।

नया पुरवा निवासी माता जी

आंखों में आंसू लेकर माताजी ने बताया हम लोगों को जगह दिलवाई जाए जिसमें हम लोग अपने बच्चों को लेकर वहां पर रहे। आज 4 दिन हो गए तब से हमने खाना नहीं खाया और बच्चे भी भूखे हैं। पूरे गांव की यही हालत है लेकिन कोई भी प्रशासनिक अधिकारी यहां तक नहीं आता। करसौर में प्रधान जी के घर तक ही प्रशासनिक अधिकारी आते हैं और वही से पूछताछ करके वापस चले जाते हैं। हम लोगों की आवाज सुनने वाला कोई नहीं है।

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