लखीमपुर खीरी । बेमौसम की बारिश, ओलावृष्टि और तेज आंधी से खेतों में पैदा हुंए बर्बादी के मंजर ने किसानों को रुला दिया हैं। जहा देखो वहा तबाही दिख रही हैं। सरसों खेतों में ही मिट्टी बन गई तो गेहूंं की डाली-डाली टूटकर पूरी फसल बेजान हो गई हैं। दो दिन पहंले तक अच्छे उत्पादन की उम्मीद थी, लेकिन अब चिंताओं का अंबार लगा हैं। बेबस हुंए किसान अब सरकार से मदद की गुहार लगा रहें हैं। मौसम में अभी भी उठापटक बनी हुई हैं। शायद एक भी गांव ऐसा नहीं बचा जहा पर भीषण ओलावृष्टि की चपेट में आने से फसल रहं गई हो।
गेहूंं और सरसों ही यहा पर मुख्य फसलें हैं और दोनों को प्रकृति के कहर ने बरबाद कर दिया हैं। फसलें न बचने से किसान भी कराहं उठा हैं। ज्यादातर किसान सुबहं-सुबहं खेतों में फसल को देखकर लौटते हैं, लेकिन सोमवार की शाम देर रात को भीषण ओलावृष्टि को देखकर कई किसान तो मंगलवार की सुबहं खेतों की तरफ गए ही नहीं। उन्हें हालत का अंदाजा था, लेकिन बर्बादी को देखने की हिंम्मत नही बची।
इसलिए वे किसान खेतों की तरफ गए भी नही। मगर जो किसान खेतों में पहुंचे इस मंजर को देख रो पड़े। ओलावृष्टि से फसलें तो तबाहं हो ही गई। बता दें कि आलू की खेती करने वाले किसान आलू का सही दाम ना मिलने से पहले से ही परेशान थे दूसरा या बारिश आलू की फसल पूरी तरह से बर्बाद कर दी। इतना ही नहीं पेड़-पौधों को भी काफी नुकसान पहुंचा हैं। कुछ घंटों पहंले तक जो हंरियाली पेड़ों की शोभा थी। वहं नीचे जमीन पर बिछ गई। इस वर्ष आम के पेड़ बौर से भरे हुए थे जो बारिश और ओलों ने बर्बाद कर दिए। बांकेगंज क्षेत्र में बर्बाद फसल देख कर किसानों का बुरा हाल है। वहीं आम के बागों में भी बारिश के चलते बहुत नुकसान हुआ।
अमीर नगर में गेहूं के साथ तिलहन और दलहन की फसलों को हुआ भारी नुकसान
बेमौसम बारिश और हवा के एक साथ चलने से ग्रामीण इलाकों में गेहूं, तिलहन और दलहन की फसलों को नुकसान हुआ है।बारिश का दौर सोमवार की सुबह से शुरु हुआ था, लेकिन रात में बारिश और हवा का सिलसिला चल पड़ा है। बारिश के चलते गेंहू की फसल गिर गई हैं। हवा और बारिश के चलते ग्रामीण इलाकों में एहतियातन बिजली काट दी गई है। मौसम का ये बदला रुख किसानों के लिए खतरे की घंटी है।क्षेत्र के हजरत पुर गांव निवासी किसान इंद्रजीत सिंह लाडी के मुताबिक बारिश से गेंहू, तिलहन और दलहन की फसलों को भारी नुकसान होने का अनुमान है। मंगलवार सुबह से बारिश हो रही है।
बहुत लोगों की गेंहू की फसल गिर कर चौपट हो गई। बारिश की वजह से एक तरफ जहां खलिहान में रखी हुई सरसों की फसल भीग गई है और खलिहान में पानी जमा हो गया है तो वहीं दूसरी तरफ गेहूं, चना और मटर की भी फसलों के नुकसान होने का अंदेशा बना हुआ है। परसपुर निवासी किसान पुनीत मिश्रा कहते हैं कि कुम्भी चीनी मिल का पेराई सत्र भी चालू है बारिश के चलते किसानों को गन्ने की फसल की कटाई, छिलाई और चीनी मिल में आपूर्ति करने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। किसान अब टकटकी लगाए आसमान की तरफ देख रहे हैं और इस बात की प्रार्थना कर रहे हैं कि यह बारिश किसी भी तरह से रुक जाए।