
लखीमपुर खीरी। टीबी एक्टिव केस फाइंडिंग कार्यक्रम की शुरुआत 9 मार्च से हो रही है। इसके लिए नर्सिंग कॉलेज के बच्चों को प्रशिक्षित किया गया। इस अभियान को इस बार पूर्व निर्धारित क्षेत्रों के साथ ही आउटरीच क्षेत्र और थारू जनजाति क्षेत्रों में और वृहद रूप से चलाया जाएगा।
जानकारी देते हुए जिला क्षयरोग अधिकारी एसीएमओ डॉ. अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री द्वारा 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसी क्रम में 9 मार्च से 16 मार्च तक एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए जिले में 312 टीमें बनाई गई हैं, वहीं 63 सुपरवाइजर और तीन डिस्टिक कोऑर्डिनेटर इस अभियान का हिस्सा होंगे। 20 प्रतिशत पापुलेशन को कवर किया जाएगा। मलिन बस्तियों, झुग्गी-झोपड़ी, अधिक प्रदूषण वाले क्षेत्रों, घनी आबादी वाले क्षेत्रों सहित इस बार आउटरीच (वह स्थान जो अभी टूटे हुए हैं) और थारू जनजाति एरिया जिसमें चंदन चौकी सहित पलिया, निघासन शामिल हैं में भी बृहद रूप से अभियान चलाकर टीबी के मरीजों या लक्षण वाले इन लोगों की तलाश कर उनकी जांच कराकर इलाज कराया जाएगा। इसके लिए जिले में 19 टीवी यूनिट पल ट्रू नॉट और सीबी नॉट द्वारा जांच की जाएगी। अभियान को लेकर पहले ही सभी ब्लाकों पर अभियान में लगे लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। अर्बन क्षेत्र में सहयोग के रूप में इंद्रा नर्सिंग कॉलेज के बच्चे टीबी एक्टिव केस फाइंडिंग कार्यक्रम का सहयोग करेंगे, इनकी भी ट्रेनिंग कराई गई है। इस दौरान संजय राय, करुणा वर्मा, ऐश्वर्या, अनुदीप, आशीष, संगीता व नितीश सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
रोजाना होगी अभियान की समीक्षा
डॉ. अनिल कुमार गुप्ता ने यह भी बताया कि प्रतिदिन शाम 4 बजे सीएमओ डॉ. शैलेंद्र भटनागर और जिला क्षय रोग अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अभियान की समीक्षा करेंगे। इस कॉन्फ्रेंसिंग में एसटीएस, एसटीएलएस, एमओटीसी, व डिस्टिक कोऑर्डिनेटर शामिल होंगे।