लखीमपुर । खीरी बिजुआ आए दिन मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होने के चलते जिले में अस्पताल मे सभी मरीजों को भरपूर इलाज ना मिल पाने के कारण ग्रामीणों को गांवों में ही बेहतर चिकित्सा सुविधाएं देने के लिए उप स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए थे। लेकिन इनमें से अधिकांश की हालत जर्जर है। बीमार स्वास्थ्य केंद्रों के सहारे ग्रामीणों का उपचार कैसे हो, ये बड़ा सवाल है।राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत करोड़ों की लागत से भवनों का निर्माण कराया गया था। इसके अलावा चिकित्सा उपकरण खरीदने में भी रकम खर्च की गई थी। ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी लगने लगा था कि अब उन्हें इलाज के लिए दूर-दराज की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।
अब गांवों के आसपास बने उप स्वास्थ्य केंद्र में बेहतर इलाज और दवाइयां मिलेंगी, लेकिन लखीमपुर खीरी के ब्लाक बिजुआ अंतर्गत ग्रामीणों का यह सपना दस साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही के कारण उप स्वास्थ्य केंद्रों में स्टाफ की तैनाती नहीं हो पाई है। जिन भवनों का निर्माण कराने में सरकारी धन लगा है, उनमें कई भवन खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। कहीं खिड़की, दरवाजे चोरी हो गए तो कहीं पशुओं के तबेले बना लिए गए हैं। नशेड़ी और अपराधी प्रवृत्ति के लोगों ने खंडहरों को अपना ठिकाना बना लिया है।
इस संबंध में डॉ अमित सिंह सीएससी प्रभारी बिजुआ ने बताया कि जहा डिलीवरी प्वाइंट होते हैं वह बेहतर चलते हैं बाकी के उप स्वास्थ्य केंद्रों में बुधवार और शनिवार को टीकाकरण होता है। ग्राम स्वच्छता समिति में इन उप स्वास्थ्य केंद्रों की साफ-सफाई झाड़ झंकार के लिए पैसा आता है पूरे ब्लॉक क्षेत्र में कुल 38 उप स्वास्थ्य केंद्र हैं इनमें से जो उप स्वास्थ्य केंद्र पुराने हैं उनकी सूचना शासन को भेजी जा चुकी है।