
- बिहार बार्डर, नेपाल सीमा और कोरोना प्रभावित जिलों की सील सीमाओं ने बढ़ाई दुश्वारियां
- टापू की तरह ऑरेंज जोन के जिलों से घिरा है कुशीनगर
कुशीनगर, 04 मई (हि.स.)। कोरोना वायरस के कोविड-19 का कोई मरीज कुशीनगर में नहीं मिला है। यह ग्रीन जोन में है। बावजूद इसके यहां के बाशिंदों को कोई छूट नहीं मिली है। जिला प्रशासन ने कोई छूट नहीं देने का निर्देश दिया है तो पुलिस प्रशासन ने यह साफ कर दिया है कि पहले की तरह ही सुरक्षा और सतर्कता के उपायों को अपनाया जाता रहेगा। सख्ती में कोई ढील नहीं मिलेगी। टापू की तरह घिरे कुशीनगर में फिलहाल कोई छूट नहीं मिलेगी।
केंद्र सरकार के साथ प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन-3 में ग्रीन जोन के जिलों को कुछ सहूलियतें देने की घोषणा की है। इसके लिए गाइड लाइन भी जारी कर दिया गया है। बावजूद कुशीनगर में गाइड लाइन के हिसाब से कोई छूट नहीं है।
ऑरेंज जोन से सटीं हैं कुशीनगर की सीमाएं
इस जिला की सीमाएं गोरखपुर मंडल के महराजगंज, गोरखपुर और देवरिया जिलों की सीमाओं से जुड़ी हैं। इन सभी जिलों में कोरोना के पॉजिटिव मरीज हैं और इन्हें ऑरेंज ज़ोन में रखा गया है। इस वजह से इन जिलों की सीमाएं पहले से ही सील हैं। यहां तक कि सरकारी मुलाजिमों को उनके तैनाती वालों जिलों में ही रुकने का आदेश दिया गया है। अब किसी भी एक जिला में रहने वाला अधिकारी अथवा कर्मचारी किसी अन्य जिला में प्रवेश नहीं कर पा रहा है। आमजन को भी दूसरे जिलों में आने-जाने से रोक दिया गया है। ये सारी पाबंदियां सिर्फ इसलिए हैं कि इन जिलों से कुशीनगर में कोरोना पॉजिटिव मरीज के गुपचुप तरीके से शामिल होने की गुंजाइश न रहे।
बिहार-नेपाल की सटी सीमाएं भी बना रहीं संवेदनशील
दूसरे और महत्वपूर्ण वजहों में कुशीनगर जिला का भारत के मित्र देश नेपाल से सटी सीमाएं हैं। इसके अलावा यह बिहार प्रान्त की सीमा से भी जुड़ा है। इन क्षेत्रों में कोरोना मरीज न जाएं, इसके लिए सीमावर्ती ऑरेंज जोन के जिलों ने नेपाल और बिहार में प्रवेश पर पहले से ही पाबंदियां लगा रखीं हैं। इन क्षेत्रों में पूरी जांच-पड़ताल और उच्चाधिकारियों के दिशा-निर्देशन में ही कार्य हो रहा है। इतना ही नहीं, नेपाल अथवा बिहार प्रान्त से कुशीनगर की सीमा में कोई कोरोना पॉजिटिव मरीज न घुसने पाए, इसके लिए भी पहले जैसी पाबंदियां जरूरी हैं।
बोले डीएम कुशीनगर
जिलाधिकारी भूपेंद्र एस. चौधरी का कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से कुशीनगर एक टापू की तरह घिरा है। इसके चारों ओर के जिलों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या है। नेपाल और बिहार के बॉर्डर भी इसे संवेदनशील बना रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में जल्दीबाजी में कोई कदम उठाना ठीक नहीं है। अभी हम परिस्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। फिलहाल, शासन से मिलने वाले दिशा निर्देशों का पालन किया जाएगा।