
नई दिल्ली
शराब की दुकानें खुलने के बाद खरीदारों की भारी भीड़ उमड़ने से इसकी ऑनलाइन बिक्री मांग होने लगी है। शराब निर्माता कंपनियों ने लॉकडाउन में ढील मिलने के बाद खुली शराब की दुकानों पर देशभर में उमड़ी भारी भीड़ तथा लोगों के बीच आपस में सुरक्षित दूरी के निर्देश के उल्लंघन के मद्देनजर सोमवार को एक बार फिर से शराब की ऑनलाइन बिक्री को इजाजत देने की वकालत की। कोरोना वायरस महामारी के कारण पूरे देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है। तीन मई को लॉकडाउन का दूसरा चरण समाप्त हो गया और अब 17 मई तक इसका तीसरा चरण चलेगा।
तीसरे चरण में खोलने की ढील
सरकार ने राजस्व के हो रहे नुकसान के मद्देनजर लॉकडाउन के तीसरे चरण में शराब की दुकानों को खोलने की ढील दी है। इसी के तहत करीब 40 दिन बाद शराब की दुकानें सोमवार को खुलीं। हालांकि, लोगों की भारी भीड़ उमड़ने तथा अफरा-तफरी मचने के कारण दिल्ली, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में खुलने के कुछ ही मिनट बाद दुकानों को बंद करना पड़ गया।
पहले से ही था अंदेशा
शराब उद्योग के संगठनों ऑल इंडिया डिस्टिलर्स असोसिएशन (एआईडीए), ऑल इंडिया ब्रेवर्स असोसिएशन (एआईबीए) और कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज (सीआईएबीसी) ने कहा कि करीब डेढ़ महीने से लोगों को शराब नहीं मिली, इस कारण सोमवार को दुकान खुलते ही लोग इन दुकानों पर टूट पड़े। कुछ संगठनों ने कहा कि उन्हें पहले से ही ऐसा होने का अंदेशा था और इसी कारण उन्होंने सरकार को शराब की ऑनलाइन बिक्री करने और होम डिलीवरी करने की इजाजत देने का सुझाव दिया था।
भीड़ पर करना चाहिए था नियंत्रण
एआईडीए ने दुकानें खोलने की छूट देने के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि स्थानीय प्रशासन को दुकानों पर भीड़ नियंत्रित करना चाहिए था। संगठन के महानिदेशक वी.एन.रैना ने कहा, ‘सरकार को इसे नियंत्रित करना होगा, हमने आज दुकानों पर बहुत भीड़ देखी है और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक स्थानीय पुलिस वहां नहीं थी। मैं जनता से भी जिम्मेदार तरीके से व्यवहार करने असैा आपस में दूरी बना रखने का पालन करने की उम्मीद करता हूं।’ उन्होंने बिक्री की मात्रा के बारे में पूछे जाने पर कहा कि निश्चित रूप से, शहरी क्षेत्रों में बिक्री अधिक थी। रैना ने कहा, ‘सरकार को राजस्व की आवश्यकता है और अधिकतम राजस्व शराब उद्योग से आता है।’
ऑनलाइन बिक्री की मंजूरी मिले
सीआईएबीसी ने कहा कि लगभग 40 दिनों के निषेध के बाद जब कोई ‘बहुत ज्यादा वांछित’ उत्पाद बाजार में उपलब्ताध होता है, तो यह बहुत सारे खरीदारों को आकर्षित करेगा। संगठन के चेयरमैन विनोद गिरी ने कहा, ‘यह किसी भी उद्योग के साथ हो सकता है।’ उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को अन्य उत्पादों की तरह शराब की ऑनलाइन बिक्री की अनुमति देनी चाहिए। यह लॉकडाउन अवधि के दौरान सामाजिक दूरी के मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करेगा। यदि ऑनलाइन बिक्री जैसे चैनलों को अनुमति दी जाती है, तो इससे दुकान पर भार कम हो जाता है और बहुत से लोगों को दुकान पर जाने की जरूरत नहीं होगी।
पहले ही दिया था सुझाव
एआईबीए के महानिदेशक शोभन रॉय ने कहा कि उद्योग जगत ने पहले ही इस तरह की भीड़ की आशंका जताई थी और सरकार को शराब की ऑनलाइन बिक्री की अनुमति देने का सुझाव दिया था। उन्होंने कहा, ‘हमने पहले ही शराब के लिए होम डिलिवरी का सुझाव दिया था क्योंकि हमें भीड़-भाड़ का अनुमान था।’