लॉकडाउन ताक पर : लगातार जारी है नेपाली कामगारों का कस्बे मे पहुंचना

नेपाली कामगारों ने नेपाल सरकार के विरूद्ध लगाये नारे

नबी अहमद
रूपईडीहा/बहराइच। रविवार की शाम तक और सोमवार की सुबह 11 बजे स्थानीय थाने के सामने पटरियों पर नेपाली युवा आकर बैठ गये और जिद करने लगे कि हम अब भारतीय क्षेत्र मे नही जायेंगे। हम नेपाल के नागरिक है हम नेपाल ही जायेंगे। उनकी इस बात पर सोमवार की सुबह से ही प्रभारी निरीक्षक प्रमोद कुमार सिंह समझाते रहे। उनके समझाने पर न मानने के कारण इन्हे व्यवस्था देने के लिए उपजिलाधिकारी नानपारा राम आसरे वर्मा, पुलिस क्षेत्राधिकारी अरूणचन्द, एसएसबी 42 वीं वाहिनी के कमांडेंट प्रवीण कुमार, उप कमांडेंट शैलेष कुमार व सहायक कमांडेंट सुकुमार देव वर्मन भी मौके पर पहुंचे।

चिलचिलाती धूप मे यह सभी अधिकारी इन नेपाली युवकों को समझाते रहे। परन्तु ये लोग अपने जिद पर अड़े रहे कि हम नेपाल जायेंगे। भारतीय क्षेत्र मे बिलकुल नही जायेगे। दोपहर साढ़े 12 बजे कस्बे से सटे नेपाली थाना जमुनहां के इंचार्ज माधव रिजाल इन अधिकारियों से मिलने और समस्या के समाधान हेतु विचार विमर्श करने हेतु आये अभी इनकी वार्ता चल ही रही है। इसी बीच एक रोडवेज की बस भी इन्हे भारतीय क्षेत्र मे ले जाने हेतु आ गयी। उधर नेपाल सरकार एक भी नेपाली को लेने को तैयार नही है। बार्डर की स्थिति बहुत गंभीर हो चली है। ये नेपाली युवक स्वच्छंद कस्बे मे घूम रहे है। जब युवक नेपाल सरकार मुर्दाबाद ओली सरकार मुर्दाबाद व मोदी सरकार जिदांबाद के नारे लगा रहे थे।

तब सीओ नानपारा ने इन लोगों से कहा कि आप किसी प्रकार का नारा न लगाये। नही तो नेपाल के लोग समझेंगे कि भारतीय प्रशासन उकसा रहा है। इसका गलत प्रभाव पड़ेगा। उपजिलाधिकारी नानपारा ने शनिवार को यहां आकर बांके जिला प्रशासन के अधिकारियों से वार्ता की थी। परन्तु इन्हे बांके प्रशासन लेने के लिए तैयार ही नही हुआ।

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