नई दिल्ली. दिल्ली के बाहरी इलाके में गुरुवार रात हथियारबंद बदमाशों ने जम्मू-दिल्ली दुरंतो एक्सप्रेस (12266) में कई यात्रियों को लूटा। उत्तर रेलवे के मुताबिक, वारदात ट्रेन के बी3 और बी7 कोच में सवार यात्रियों के साथ हुई। बदमाशों ने रात 3.30 बजे बादली इलाके में ट्रेन को रोक लिया था। अब तक कई यात्रियों ने अपने मोबाइल, कैश और गहने लूटने की शिकायत दर्ज कराई है। एक पीड़ित यात्री ने रेलवे के पोर्टल पर शिकायत में बताया, ”रात को अचानक करीब 10 बदमाश कोच में घुस आए। वारदात के वक्त अधिकतर यात्री सो रहे थे। उन्होंने कुछ लोगों की गर्दन पर चाकू रखकर कीमती समान ले लिया। ऐसा करीब 15 मिनट तक चलता रहा।”
दरअसल, सुबह के 3.30 बजे सभी यात्री सो रहे थे। मगर अचानक सिग्नल से छेड़छाड़ कर 5 से 10 की संख्या में बदमाशों ने ट्रेन रोकी और हथियारों से लैस होकर बोगी में घुसे. बदमाशों को देखते ही यात्रियों में हड़कंप मच गया। यात्रियों ने आवाज भी लगाई, मगर सब बेकार। बदमाशों ने चाकुओ और अन्य हथियारों के दम पर दुरंतो ट्रेन की दो एसी बोगियों को निशाना बनाया है। बदमाशों ने दो कोच के यात्रियों से लूटपाट की। बदमाशों ने यात्रियों से कैश, मोबाइल और गहने भी छीन लिए।
एक यात्री ने कहा कि बदमाशों ने करीब 10 से 15 मिनट तक लूटपाट किया। वहीं, उत्तरी रेलवे ने कहा कि रेलवे सुरक्षा बल इस मामले को देख रहा है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बदमाशों की संख्या 5 से 10 के बीच बताई जा रही है। शिकायतकर्ता के मुताबिक, 5 से 10 बदमाश ट्रेन के बी-3 और बी-7 कोच में घुस गए और पैसेंजरों के गले पर चाकू रखकर लूटपाट शुरू कर दी। बाहर बिल्कुल अंधेरा और एसी कोच से बाहर आवाज भी नहीं जा पा रही थी।
ट्रेन के सिग्नल फेल कर दिया वारदात को अंजाम
बताया जा रहा है कि पहले बदमाशों ने ट्रेन के सिग्नल फेल किए और फिर ट्रेन में दाखिल हो गए। बताया जा रहा है कि हथियारबंद बदमाश कोच बी-3 और बी-7 में घुसे और चाकू के बल पर यात्रियों को लूटना शुरू कर दिया। चूंकि कोच एसी था तो पैसेंजरों की आवाज तक बाहर नहीं आ पाई। लगभग 20 मिनट तक ट्रेन में लूटपाट चलती रही, लेकिन ट्रेन में मौजूद किसी सुरक्षा जवान को इसकी भनक तक नहीं हुई। करीब 4 बजे ट्रेन बादली आउटर से चली और जब ट्रेन 4:20 बजे सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन पहुंची, तब यात्रियों ने पुलिस को शिकायत की। रेल मंत्रालय के ट्विटर पर भी शिकायत की जा चुकी थी।
कैसे हो जाता है सिग्नल फेल
रेलवे ट्रैक पर सिग्नल पोस्ट के पास ट्रैक सर्किट और ग्लू जॉइंट होता है, जो सीधा सिग्नल से जुड़ा होता है। ग्लू जॉइंट पर एक सिरा प्लस का होता है जबकि एक माइनस का। अगर किसी धातु जैसे लोहा, एल्यूमिनियम व अन्य से इन दोनों सिरे को मिला दिया जाए तो ट्रैक का सर्किट फेल हो जाता और सिग्नल फेल हो जाता है। बताया जा रहा है कि इस मामले में भी बदमाशों ने ऐसा किया। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार इसी जगह पर असामाजिक तत्व ऐसा पहले भी करते रहे हैं।
हादसे की रहती है संभावना
ट्रेन को जब ग्रीन सिग्नल मिलता है तो ट्रेन फुल स्पीड में चलती है। दुरंतो एक्सप्रेस की अधिकतम रफ्तार 130 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है। अगर ग्रीन सिग्नल अचानक रेड हो जाए तो नियम के अनुसार ड्राइवर को ट्रेन रोकनी पड़ती है। फुल स्पीड से अचानक ट्रेन को रोकने पर ट्रेन के पटरी से उतरने का खतरा रहता है। बता दें कि इस रूट पर नरेला के पास इमरजेंसी ब्रेक लगाने से कालका मेल पटरी से उतर चुकी है।