
बेंगलूरु। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद राहुल गांधी rahul gandhi देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस Congress का नया अवतार चाहते हैं। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘नईÓ कांग्रेस को लेकर अपनी राय भी नेताओं की साथ साझा की। भाजपा से मुकाबले के लिए राहुल कांग्रेस में संगठन से लेकर रणनीति तक बदलाव चाहते हैं। राहुल ने कहा कि हमें एक नई कांग्रेस पार्टी दिखानी है, जो मुद्दों पर लड़े, लोगों को एक साथ लाने का काम करे और जो भाजपा के झूठ को जनता के सामने स्पष्टता के साथ उजागर करे
कर्नाटक में 150 सीटें जीतना कोई जंग नहीं, बल्कि…
मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस की नजर अब दक्षिण पर है। राहुल ने शुक्रवार को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए परोक्ष तौर पर पार्टी के अभियान का बिगुल बजाया। राहुल ने जीत का मंत्र देते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को एकजुटता का पाठ पढ़ाया और अगले चुनाव में बहुमत हासिल करने का लक्ष्य दिया। करीब 15 मिनट के संबोधन में राहुल ने कहा कि अगर नेता एक साथ काम करें, सही मुद्दों पर लड़ें और योग्यता के आधार पर कार्यकर्ताओं को मौका दें तो कांग्रेस 150 सीटें जीत सकती है। यह मुश्किल नहीं, असान हो सकता है बशर्तें इन तीन चीजों को अपनाएं।
आपसी मतभेद को छोड़ मुद्दों पर करे फोकस
दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन पार्टी प्रदेश कार्यकारिणी की विस्तारित बैठक को संबोधित करते हुए राहुल ने वरिष्ठ नेताओं को आपसी मतभेदों को भुलाकर एकजुटता से काम करने और भाजपा सरकार की विफलताओं को उजागर करने की सलाह दी। टिकट बंटवारे के तरीके में भी बदलाव लाने और महिलाओं को अधिक मौका देने को कहा। राहुल ने कहा कि कुछ चीजों पर आगे बढऩे के लिए हमें बिल्कुल स्पष्ट रुख अपनाना होगा। हमें कर्नाटक को एक नई कांग्रेस पार्टी दिखानी है, जो मुद्दों पर लड़े, लोगों को एक साथ लाने का काम करे और जो भाजपा के झूठ को जनता के सामने स्पष्टता के साथ उजागर करे। यह भी बताना होगा कि जब केंद्र और राज्य में हमारी सरकार थी तो हमने क्या किया और आगे सत्ता में आने पर क्या करेंगे।
योग्यता-मेहनत पर मिलना चाहिए टिकट
राहुल ने कहा कि लोगों को पार्टी की सेवा के आधार पर बढ़ावा देना चाहिए, पसंद और नापसंद के आधार पर नहीं और इसे पूरी कठोरता से लागू करना चाहिए। टिकट इतिहास के बजाय वर्तमान पर तय होना चाहिए। किसी ने 20 साल पहले क्या किया, इसके बजाय आज पार्टी के लिए क्या कर रहा है, इस पर टिकट दिया जाना चाहिए। राहुल ने कहा कि हमें कम अंतर के बजाय निर्णायक जीत हासिल करने का लक्ष्य रखना चाहिए।
जीत का दिलाया भरोसा
राहुल ने चुनाव से छह महीने पहले टिकट तय करने के पार्टी नेताओं के सुझाव से भी सहमति जताई। नेताओं के बीच आपसी खींचतान, मतभेद का जिक्र किए बिना राहुल ने प्रदेश के प्रमुख नेताओं- विपक्ष के नेता सिद्धरामय्या, प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिार्जुन खरगे का नाम लेते हुए कहा कि उन्हें कामकाजी संबंधों को अधिक प्रगाढ़ करना चाहिए।
एक साथ मिलकर लड़ें और पार्टी को १५० से अधिक सीटें जीतवाएं। राहुल ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि अगले चुनाव में पार्टी जीतेगी और 150 से अधिक सीटें के स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में आएगी। राहुल ने कहा कि कर्नाटक में हमेशा से कांग्रेस की भावना रही है। राहुल ने 60 लाख नए कार्यकर्ताओं को पंजीकृत करने के लिए पार्टी नेताओं की सराहना की।