दैनिक भास्कर ब्यूरो ,
लखनऊ। एसजीपीजीआई एमएस की 99वीं शासी निकाय की बैठक उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव व पीजीआई एम एस के अध्यक्ष दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में आयोजित की गई।पीजीआई संस्थान के निदेशक प्रो० आरके धीमान, रजिस्ट्रार कर्नल वरुण बाजपेयी,डीन प्रो०शालीन कुमार, वित्त अधिकारी विश्वजीत राय,शासी निकाय के सदस्य और नामित संकाय सदस्यों ने संस्थान की तरफ से प्रतिनिधित्व किया।
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा प्रार्थसारथी सेन शर्मा, किंजल सिंह, डीजीएमई सहित वित्त विभाग के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।शासी निकाय ने सुपर स्पेशलिटी विभागों में फैक्लटी के पदों को भरने एवं विभिन्न कैडर के कर्मचारियों से सम्बन्धित मुद्दों पर संस्थान के प्रस्तावों को मंजूरी दी। शासी निकाय ने ट्रॉमा एनेस्थीसिया और इंटेन्सिव केयर में पीडीसीसी कोर्स शुरू करने को भी मंजूरी दे दी है। एसजी पीजीआई एमएस जल्द ही एनएएसी मान्यता के लिए आवेदन करेगा।
शासी निकाय को संस्थान के विगत तीन वर्षों की वार्षिक रिपोर्ट से अवगत कराते हूए संस्थान की दूरगामी परियोजनाओं से भी अवगत कराया।मुख्य सचिव ने आयुष विभाग शुरू करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसमें आयुर्वेद, प्राचीन भारतीय चिकित्सा तकनीकों के साथ-साथ आधुनिक एवं स्थापित चिकित्सा पद्धतियों का उपयोग एवं समावेश हो। आयुष विभाग के बन जाने से पीजीआई में रोगियों का समग्र उपचार होगा। मुख्य सचिव ने पीजीआई को एम्स नई दिल्ली के मॉडल का अध्ययन करने और जल्द से जल्द यह विभाग शुरू करने के निर्देश दिये।
इमरजेन्सी विभाग में बिस्तर की क्षमता को मौजूदा 75 बिस्तरों से बढ़ाकर 210 बिस्तरों तक होनी है, तदानुसार, शासी निकाय ने स्वास्थ्य विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार से 32 अतिरिक्त सामान्य ड्यूटी चिकित्सा अधिकारियों (जीडीएमओ) की प्रतिनियुक्ति को मंजूरी दे दी है। इससे चौबीसों घंटे इमरजेंसी के संचालन और इमरजेंसी की बेहतर सेवाएं और देखभाल प्रदान करना संभव होगा।
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