लखनऊ : नागरिक एकता पार्टी ने फूंका चुनावी बिगुल…

  • जाति, पंथ, मजहब से परे होगी नागरिक एकता पार्टी-मो. शमीम
    -नवगठित नागरिक एकता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया पार्टी का एजेंडा
    – पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने भी सपा-बसपा को लिया आड़े हाथों

लखनऊ। देश-प्रदेश में हो रही धर्म और जाति की राजनीति को जड़ से खत्म करना पार्टी का मुख्य उद्देश्य है। सपा और बसपा का सपोर्ट करने वालों का हाल बेहाल है। लोकसभा चुनाव में सभी 80 सीटों पर चुनाव लडऩे की तैयारी की जा रही है। यह बातें नागरिक एकता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मो. शमीम खान ने बुधवार को गोमती नगर स्थित एक होटल में कही। उन्होंने कहा कि 2022 तक हमारी पार्टी और भी मजबूत स्थिति में होगी। कहा कि बिना हमारी पार्टी के सपोर्ट के देश अथवा प्रदेश में किसी की सरकार नहीं बन सकती।

युवाओं को मिले 18,000 प्रतिमाह
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि हर सरकार रोजगार देने का दावा करती है। हमारी पार्टी का मुख्य मुद्दा भी रोजगार को लेकर है। हमारी पार्टी रोजगार के लिए बड़ा आंदोलन छेड़ेगी। आज का युवा 6000 और 8000 की नौकरी कर रहा है। जबकि युवाओं को कम से कम 18000 रुपए प्रतिमाह किया जाना चाहिए। पिछली सरकार सिर्फ दावा करती है, हमारी सरकार आने पर काम करेगी। युवा वर्ग देश का भविष्य है। इसकी उपेक्षा हमारी पार्टी कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगी।

तीन बीघे से कम खेती वाले किसानों का बिल माफ
बसपा, सपा या भाजपा सभी पार्टियों ने किसानों का शोषण किया है। उनके हित में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। हमारी पार्टी यदि सत्ता में आई तो तीन बीघे से कम खेती वाले किसानों का बिजली बिल माफ करेंगे। यही नहीं किसानों को मिलने वाले डीजल के दाम भी अलग से निर्धारित किया जाएगा। किसानों के लिए बिजली माफ होनी चाहिए। किसानों से ही हमें अनाज मिलता है उनकी उपेक्षा हर पार्टी ने की है। नागरिक एकता पार्टी किसानों के लिए बेहतर काम करेगी।

पार्टी में दागियों को जगह नहीं
जाति व्यवस्था और बंटवारे के विरोध के लिए ही इस पार्टी का उदय हुआ है। पार्टी में दागी नेताओं की कोई भी जगह नहीं है। दागी नेता अपने साथ ही पार्टी की छवि भी धूमिल करते हैं। पार्टी में युवा वर्ग के लोगों को जगह दी गई है। युवा वर्ग पार्टी और देश को एक नई दिशा प्रदान करेंगे।

ताकि ना लेना पड़े किसानों को कर्ज
सपा से दूरी बनाकर नागरिक एकता पार्टी में शामिल हुए सुमित अग्रिहोत्री ने कहा कि सपा और बसपा सरकार मेंं पीडि़त हुए किसानों का दर्द जानने सर्वे किया गया है। हमने पाया है कि किसानों का कर्ज माफ होना ही नहीं चाहिए। क्योंकि उन्हें इसकी आदत पड़ जाएगी। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि क्या कर्ज माफ कर देने से किसान आत्महत्या नहीं करेंगे। जबकि ऐसा होना चाहिए कि किसानों को कर्ज लेने की जरूरत ही ना पड़े। हमारी पार्टी किसानों के हित के बारे में जानती है।

महागठबंधन से कोई मतलब नहीं
सपा और बसपा के बीच फिलहाल गठबंधन को लेकर रुख साफ नहीं है, लेकिन नागरिक एकता पार्टी किसी के साथ हाथ नहीं मिलाएगी। वहीं सपा और बसपा की बात की जाए तो दोनों पार्टियों के बीच सीटों को लेकर खींचतान मची है। अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव अपने दम पर लड़ेगी और जीत हासिल करेगी।

गड्ढा मुक्त सड़क का दावा करने वाली सरकार खुद गड्ढे में
प्रदेश अध्यक्ष कमर रजा ने कहा कि भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार का गड्ढा मुक्त का दावा हर तरफ से फेल नजर आ रहा है, बल्कि यह कहा जाए कि गड्ढा मुक्त सड़क का दावा करने वाली सरकार खुद गड्ढे में है। इस सरकार ने सिर्फ दावे ही किए हकीकत तो कुछ और ही बयां कर रही है। प्रदेश की जनता इस बार होने वाले चुनाव में भाजपा को सबक सिखाकर ही रहेगी। तेल की बढ़ती कीमतों ने जो आग लगाई है उससे परेशान जनता भाजपा को औंधे मुहं गिराने वाली है।्र

ये थे मौजूद
रानी सिंह, सुनीता शर्मा, सुशील एवं श्याम किशोर शुक्ला (यूनियन लीडर उन्नाव) आदि ने भाजपपा छोड़कर तथा शकील अहमद (राजू), सुमित अग्रिहोत्री, नजमी किदवई, पी.एन. दिक्षित ने सपा छोड़कर नागरिक एकता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इसके साथ ही सैकड़ों कार्यकताओं ने पार्टी की सदस्ता ग्रहण की।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें