मिशन 2019 : 50% सांसदों का टिकट काट सकती है भाजपा

पिछले चुनाव में एक लाख वोट के अंतर से तक जीतने वाले सांसद भी रडार पर हैं, क्योंकि पार्टी उन सांसदों की जीत को मोदी मैजिक का परिणाम मानती है.

2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी अपने 50 फीसदी सांसदों का टिकट काट सकती है. इस फैसले का कारण राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को उनके दो दिवसीय दौरे में मिला फीडबैक है. अमित शाह ने मिशन 2019 के लिए पार्टी के सामने 50 प्लस का लक्ष्य रखा है.

अमित शाह का दो दिवसीय दौरा मिशन 2019 के तहत काफी महत्वपूर्ण रहा.

दरअसल, बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का दो दिवसीय दौरा मिशन 2019 के तहत काफी महत्वपूर्ण रहा. विस्तारक संगठन की रीढ़ हैं, जिन्हें बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं तक संदेश पहुंचाना है. शाह ने विंध्याचल पहुंचकर सबसे पहले विस्तारकों के साथ बैठक की. इस बैठक के दौरान उनको नए सियासी माहौल में पार्टी का नजरिया समझाया.

केंद्र सरकार और राज्य सरकार के कामों को सोशल मीडिया किस तरह से जनता तक पहुंचाए इसको भी विस्तार से समझाया. एक दिन में कितने मैसेज किए जाएं इन सब विषयों पर विस्तार से चर्चा कि और लक्ष्य दिया पचास प्लस वोट शेयर का.

राष्ट्रीय राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह का दोनों जगहों पर दूसरे दौर की मीटिंग काफी महत्वपूर्ण रही. शाह ने इस बैठक में सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले को रिफ्रेश किया. वहीं सांसदों की कार्यप्रणाली और क्षेत्र में प्रभाव को लेकर विस्तार से बैठक की. वाराणसी की बैठक में लगभग 45 सीटों पर चर्चा हुई वहीं बाकी सीटों के लिए आगरा में बैठक हुई.

हालांकि, बैठक का फीडबैक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए संतोषजनक नहीं रहा. ये माना जा रहा है कि पचास फीसदी सांसदों का टिकट खतरे में है. टारगेट पर वो संसदीय़ क्षेत्र रहे हैं, जहां के नेताओं का जनता से समन्वय ठीक नहीं है. पिछले चुनाव में एक लाख वोट के अंतर से तक जीतने वाले सांसद भी रडार पर हैं, क्योंकि पार्टी उन सांसदों की जीत को मोदी मैजिक का परिणाम मानती है. ऐसे में इस दौरे के दौरान लिया गया फीडबैक उन सांसदों पर भारी पड़ेगा जो अपने कार्यों में शिथिल हैं.

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