लखनऊ : गोमती नगर गोलीकांड में मल्टीनेशनल कंपनी ऐप्पल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी का परिवार अब अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गया है। इस पूरे मामले पर यूपी में राजनीतिक भूचाल आ गया है. उधर, अब बस कुछ ही देर में लखनऊ के वैकुण्ड धाम (भैंसा कुंड) में अंतिम संस्कार होगा। आज सुबह ही परिवार अंतिम संस्कार के लिए राजी हुआ। विवेक तिवारी के परिजनों ने सरकार से सुरक्षा की मांग की है। सरकार परिवार को 25 लाख की आर्थिक मदद, योग्यता अनुसार नगर निगम में एक सरकारी नौकरी की बात पर माग गया है। साथ ही अगर परिवार चाहे तो मामले की सीबीआई जाच पर भी सरकार तैयार है।
क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के वीआईपी इलाके गोमतीनगर में जांच के दौरान गाड़ी नहीं रोकने पर एक पुलिस कॉन्सटेबल ने मल्टीनेशनल कंपनी ऐप्पल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी को गोली मारकर हत्या कर दी। इस पूरे मामले पर यूपी में राजनीतिक भूचाल आ गया है। इस पूरे मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है था कि यह घटना एनकाउंटर नहीं है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अगर जरुरत पड़ी को तो इस घटना की सीबीआई जांच होगी। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया में जो दोषी थे वो गिरफ्तार हो चुके हैं। सीएम ने गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में पत्रकारों से बातचीत कर यह बात कही।शुक्रवार देर रात लखनऊ के गोमती नगर में हुई विवेक तिवारी के हत्या के बाद पत्नी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी ने मामले की सीबीआई जांच और जीविका के लिए पुलिस विभाग में नौकरी की मांग की, साथ ही एक करोड़ रुपये मुआवजे की भी मांग की थी।
लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने घटना के वक्त विवेक के साथ मौजूद महिला सना खान द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट के हवाले से बताया कि सना ने आरोप लगाया है कि शुक्रवार/शनिवार की रात करीब दो बजे वह अपने सहकर्मी विवेक तिवारी (38) के साथ कार से घर जा रही थीं। सना के मुताबिक पुलिसकर्मियों ने कार को रोकने की कोशिश की और उनमें से एक ने गोली चलाई जो तिवारी को लगी। इसके कारण बेकाबू हुई कार अंडरपास की दीवार से जा टकराई। गम्भीर रूप से घायल तिवारी को अस्पताल पहुंचाया गया जहां थोड़ी देर बाद उसकी मौत हो गई। नैथानी के मुताबिक गोली मारने के आरोपी पुलिसकर्मी प्रशांत चौधरी और उसके साथी संदीप के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों को बर्खास्त भी कर दिया गया है।
लखनऊ शूटआउट पर गरमाई सियासत
पीड़ित परिवार की मामले की जांच की मांग के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जरूरत पड़ी तो मामले की सीबीआई जांच भी कराई जाएगी. वहीं लखनऊ शूटआउट के बाद सियासत गरमा गई है. कांग्रेस और सपा ने इस घटना को प्रदेश की बदहाल कानून-व्यवस्था की निशानी बताते हुए मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है. उन्होंने इस पूरी घटना के लिए यूपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
विपक्ष ने की योगी के इस्तीफे की मांग
सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश के शहडोल में लखनऊ की वारदात को जंगलराज का नतीजा करार देते हुए मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है. चौधरी ने कहा कि पुलिस मुठभेड़ों को जायज ठहराने वाले मुख्यमंत्री योगी की भाषा इस मुद्दे को लेकर बेहद दम्भ भरी और जहर बुझी है, जिससे पुलिस का दुस्साहस बढ़ रहा है. राज्यपाल राम नाईक भी कानून-व्यवस्था में सुधार की बात कहते हैं, मगर सुधार नहीं हो रहा है. मुख्यमंत्री को इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए.
वहीं प्रदेश कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार ने भी इस घटना के लिए मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है. उन्होंने कहा कि यह घटना प्रदेश में बेलगाम हो रही सत्ता का चरित्र उजागर करती है. कुमार ने कहा कि गुंडाराज और भ्रष्टाचार के खात्मे का नारा देकर प्रदेश की सत्ता में आई भाजपा का चरित्र धीरे-धीरे बेनकाब हो रहा है. पुलिस का चरित्र बदल रहा है, जिसके कंधों पर समाज की सुरक्षा की जवाबदेही है. मुख्यमंत्री गृह विभाग की भी जिम्मेदारी सम्भाल रहे हैं, लिहाजा नैतिकता के आधार पर उन्हें पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
परिजनों ने की सीबीआई जांच और मुआवजे की मांग
वारदात में मारे गए तिवारी की पत्नी कल्पना ने मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर मामले की सीबीआई जांच की मांग की है. साथ ही पुलिस विभाग में नौकरी देने और परिवार का भविष्य सुरक्षित करने के लिए एक करोड़ रुपये मुआवजे की भी मांग की है. इसी बीच डीएम ने कहा कि परिवार की सभी मांगे पूरी की गई हैं, उन्होंने परिजनों को 25 लाख रुपये और पत्नी को नौकरी देने का ऐलान किया. साथ ही डीएम ने मामले की जांच अगले 30 दिनों में पूरी होने की सांत्वना भी दी.
All demands of the family sanctioned, given in written. If they want CBI enquiry, then it will be initiated.Job will be given to his wife&Rs. 25 lakhs will be given as compensation. Enquiry will be completed within 30 days: Lucknow DM on Vivek Tiwari shot at by police constable. pic.twitter.com/cZUPJu2iSw
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 29, 2018
मामले की जांच के लिए SIT का गठन
पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने मामले की जांच के लिए लखनऊ के पुलिस महानिरीक्षक सुजीत पांडे की अगुवाई में विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है. पुलिस अधीक्षक (अपराध) और पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) को इसका सदस्य बनाया गया है. साथ ही जिलाधिकारी से इसकी मजिस्टीरियल जांच के आदेश देने का आग्रह किया गया है.
योगी बोले- जरूरत पड़ी तो होगी CBI जांच
इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में इस घटना के बारे में कहा कि लखनऊ की घटना कोई मुठभेड़ की वारदात नहीं है. हम इसकी पूरी जांच कराएंगे. दोषी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ेगी तो हम सीबीआई को भी इसकी जांच सौंपेंगे.