VIDEO : बोले मंत्री जी- अगर नहीं मानी बात, तो कर्मचारियों और अधिकारियों को लात मारकर कर देंगे बाहर

श्रम मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया.

भोपाल:  सत्ता के नशे में चूर कमलनाथ  सरकार में कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदया ने सरकारी कर्चमारियों और अधिकारियों को लेकर एक विवादित बयान दिया है। इस बयान से एक बार फिर सियासत गरमा गयी है. इस बयान का विडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रह है. मंत्री जी गुना में पार्टी कार्यकर्ताओं से बात करते हुए सिसोदिया ने कहा, ‘जो कर्मचारी, अधिकारी पालन नहीं करेगा उसको लात देके बाहर कर दिया जाएगा।’ महेन्द्र सिंह सिसोदिया बमोरी विधानसभा से विधायक चुने गए हैं और उन्हें गुना से पार्टी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का करीबी माना जाता है।

अपने क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचे सिसोदिया ने कहा

कि अब मैं किसी की दलाली नहीं चलने दूंगा। महेंद्र सिंह सिसोदिया को राज्य सरकार में श्रम मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है। इससे पहले कमलनाथ के फैसलों को लेकर भी राज्य सरकार विपक्ष के निशाने पर है। राज्य सरकार ने हर महीने की एक तारीख़ को राज्य मंत्रालय के समक्ष वन्देमातरम गान की अनिवार्यता को फिलहाल रोक दिया है। मामला तूल पकड़ने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इसे नए स्वरूप में सामने लाएंगे।

राज्य सरकार के इस कदम पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, ‘वंदे मातरम् के कारण लोगों के हृदय में प्रज्वलित देशभक्ति की भावनाओं में नयी ऊर्जा का संचार होता था। अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस की सरकार ने यह परंपरा आज तोड़ दी। आज पहली तारीख़ को वंदे मातरम् नहीं गाया गया! कांग्रेस शायद यह भूल गई है कि सरकारें आती है, जाती है लेकिन देश और देशभक्ति से ऊपर कुछ नहीं है। मैं माँग करता हूँ कि वंदे मातरम् का गान हमेशा की तरह हर कैबिनेट की मीटिंग से पहले और हर महीने की पहली तारीख़ को हमेशा की तरह वल्लभ भवन के प्रांगण में हो।’

इतना ही नहीं राज्य सरकार ने मीसा बंदियों को दी जाने वाली पेशन पर अस्थाई रोक लगा दी है। राज्य में इस योजना के तहत 2 हजार से ज्यादा लोगों को 25 हजार रुपये मासिक पेशन मिलती है। इस योजना को शिवराज सरकार द्वारा 2008 में लागू किया था।

कौन हैं महेन्द्र सिंह सिसोदिया…

महेन्द्र सिंह सिसोदिया गुना की बमोरी विधानसभा सीट से विधायक हैं. उन्हें हाल ही में कमलनाथ सरकार में श्रम मंत्री बनाया गया है. वो गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाते रहे हैं.

कमलनाथ सरकार का अधिकारियों पर सख्त रवैया…?

मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त रवैया अपनाए हुए दिखाई दे रही है. कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आदेश दिया कि अब प्रदेश में कोई भी घोषणा मुख्यमंत्री नहीं करेंगे, बल्कि उस विभाग से जुड़ा अधिकारी करेगा जिसके अंतर्गत यह कार्य होना है और जिसकी जिम्मदारी कार्य पूरा करने की होगी.

चुनाव प्रचार में अधिकारियों पर दिया था विवादित बयान…

मालूम हो कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले सागर जिले के खुरई विधानसभा क्षेत्र में रैली को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने बीजेपी के लिए काम करने वाले अधिकारियों को देख लेने की बात की थी. उन्होंने कहा था कि, ”जो भी शासकीय कर्मचारी सही काम नहीं करता और बीजेपी का बिल्ला जेब में लेकर घूमता है. उसे हमारी सरकार आने के बाद देख लेंगे. उन्होंने कहा था कि याद रखें कमलनाथ की चक्की देर से चलती है पर बहुत बारीक पीसती है.”

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