उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियों को तेजी से आगे बढ़ाया है। इस आयोजन को दिव्य और भव्य बनाने के लिए सरकार ने विशेष तैयारियां की हैं।
वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश खन्ना ने दिल्ली में एक भव्य रोड शो का नेतृत्व किया, जिसमें उन्होंने महाकुंभ के आयोजन को भारत की विविधता और एकता का अद्वितीय उत्सव बताया ¹। उन्होंने दिल्ली के राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, मुख्यमंत्री आतिशी और दिल्ली की जनता को प्रयागराज महाकुंभ 2025 में आने का निमंत्रण दिया।
महाकुंभ 2025 की तैयारियों में कई नए और आधुनिक प्रयोग किए जा रहे हैं। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करके पार्किंग स्थलों की निगरानी की जाएगी ¹। इसके अलावा, शुद्ध पेयजल, इन्ट्रिकेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर, रिवर फ्रंट और चवालीस घाटों पर पुष्प वर्षा की व्यवस्था की जाएगी। तकनीक के माध्यम से महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की हेड काउंटिंग भी की जाएगी।
महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक किया जाएगा ²। इसमें देश और दुनियाभर से करोड़ों श्रद्धालु शामिल होंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए विशेष तैयारियां की हैं।
ऐसी होंगी तैयारियां
उत्तर प्रदेश सरकार महाकुंभ 2025 को दिव्य, भव्य और डिजिटल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस आयोजन के लिए कई आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिनमें शामिल हैं:
- महाकुंभ की वेबसाइट और ऐप: ग्यारह भाषाओं में उपलब्ध होगी, जिसमें एआई चैट की सुविधा भी होगी।
- क्यूआर आधारित पास: लोगों और वाहनों के लिए क्यूआर आधारित पास जारी किए जाएंगे।
- बहुभाषीय डिजिटल खोया पाया केंद्र: खोया पाया केंद्र की स्थापना की जाएगी, जो बहुभाषी होगा।
- स्वच्छता और टेंटों की आईसीटी निगरानी: स्वच्छता और टेंटों की निगरानी के लिए आईसीटी प्रणाली का उपयोग किया जाएगा।
- भूमि और सुविधा आवंटन के लिए सॉफ्टवेयर: भूमि और सुविधा आवंटन के लिए सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाएगा।
- बहुभाषीय डिजिटल साइनेज: बहुभाषी डिजिटल साइनेज की स्थापना की जाएगी।
- स्वचालित राशन आपूर्ति प्रणाली: स्वचालित राशन आपूर्ति प्रणाली की स्थापना की जाएगी।
- ड्रोन आधारित निगरानी और आपदा प्रबंधन: ड्रोन आधारित निगरानी और आपदा प्रबंधन की व्यवस्था की जाएगी।
- पाँच सौ तीस परियोजनाओं की निगरानी का लाइव सॉफ्टवेयर: पाँच सौ तीस परियोजनाओं की निगरानी के लिए लाइव सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाएगा।
- इन्वेंटरी ट्रैकिंग सिस्टम: इन्वेंटरी ट्रैकिंग सिस्टम की स्थापना की जाएगी।
- गूगल मैप्स पर सभी स्थलों का एकीकरण: गूगल मैप्स पर सभी स्थलों का एक
- एकीकरण किया जाएगा।
महाकुंभ 2025 की तैयारियाँ लगभग पूरी हो गई हैं और यहाँ कुछ मुख्य आकर्षण हैं:
महाकुंभ 2025 की तैयारियाँ
घाटों का निर्माण
महाकुंभ नगरी में पैंतीस पुराने और नौ पक्के नए घाट बनाए गए हैं, जो श्रद्धालुओं के स्नान में काफी सहायक होंगे ¹।
पुष्प वर्षा
बारह किलोमीटर क्षेत्र में फैले सभी चवालीस घाटों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी ¹।
रिवर फ्रंट का निर्माण
मुंबई की मरीन ड्राइव की तर्ज पर गंगा किनारे लगभग पंद्रह पॉइंट टू फाइव किलोमीटर क्षेत्र में संगम से नागवासुकी मंदिर तक, सूरदास से छतनाग तक, कर्जन ब्रिज के समीप से महावीरपुरी तक, रिवर फ्रंट का निर्माण कराया गया है ¹।
सुरक्षा और सुविधाएँ
एंट्री ग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर को अपडेट किया गया है, जिससे भीड़ प्रबंधन में सहायता मिलेगी। सीसीटीवी कैमरों को देखने के लिए बावन सीटर चार व्यूइंग सेंटर स्थापित किए गए हैं ¹।
महाकुंभ 2025 में स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था की गई है। वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि स्वस्थ महाकुंभ के दृष्टिकोण से विशेषज्ञ चिकित्सकों की बड़े पैमाने पर तैनाती की गई है ¹।
महाकुंभ में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कई अस्पताल तैयार किए गए हैं:
- परेड ग्राउंड अस्पताल:100 बेड का अस्पताल बनवाया गया है।
- छोटे अस्पताल: 20 बेड के दो और आठ बेड के छोटे अस्पताल भी तैयार किए गए हैं।
- आईसीयू वार्ड: मेला क्षेत्र और अरैल में दस-दस बेड के दो आईसीयू आर्मी हॉस्पिटल की ओर से बनाए गए हैं।
इन अस्पतालों में चौबीस घंटे डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा, दो सौ इक्यानवे एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट,
नब्बे आयुर्वेदिक और
यूनानी विशेषज्ञ, और 182 स्टाफ नर्स की व्यवस्था है। अस्पतालों में पुरुष, महिला और बच्चा वार्ड अलग-अलग तैयार किए गए हैं। डिलीवरी रूम, इमरजेंसी वार्ड और डॉक्टर्स चौबीस घंटे उपलब्ध रहेंगे।
महाकुंभ में हरियाली को बढ़ावा
देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने विशेष प्रयास किए हैं। पूरे प्रयागराज में लगभग तीन लाख पौधों का रोपण किया गया है, जिससे महाकुंभ क्षेत्र में हरियाली का वातावरण बनेगा। इसके अलावा, मेले के समापन के बाद पौधों का संरक्षण उत्तर प्रदेश सरकार स्वयं करेगी। यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद करेगी, बल्कि महाकुंभ को एक स्वच्छ और हरित आयोजन भी बनाएगी।