
मंदिर की हाथी महादेवी (जिसे माधुरी के नाम से भी जाना जाता है) को लेकर चल रहे विवाद पर एक अहम फैसला लिया गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई में वंतारा के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की, जिसमें हाथी की वापसी को लेकर संवेदनशील और कानूनी रूप से संतुलित रास्ता निकालने पर चर्चा हुई।
इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री फडणवीस ने ट्वीट कर बताया कि वंतारा ने राज्य सरकार के प्रयासों को पूरा समर्थन दिया है। उन्होंने कहा, “वंतारा ने भरोसा दिलाया है कि वह उस याचिका का हिस्सा बनेगा, जिसे महाराष्ट्र सरकार महादेवी हाथी (माधुरी) को सुरक्षित रूप से नंदनी मठ वापस लाने के लिए दायर करने जा रही है।”
वंतारा के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि उन्होंने सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया था। उनका मकसद हाथी को अपने पास रखने का नहीं था, बल्कि अदालत के निर्देश के अनुसार उसकी तुरंत चिकित्सा, व्यवहारिक देखभाल और भलाई सुनिश्चित करना था।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि, “वंतारा ने राज्य सरकार को पूरी मदद देने का आश्वासन दिया है, ताकि कोल्हापुर जिले के नंदनी मठ के पास वन विभाग द्वारा तय की गई जगह पर महादेवी के लिए एक पुनर्वास केंद्र बनाया जा सके।”
यह निर्णय यह दिखाता है कि वंतारा ने न सिर्फ अदालत के आदेशों का ईमानदारी से पालन किया, बल्कि कोल्हापुर के लोगों की भावनाओं का भी पूरा सम्मान किया है। महादेवी की सेहत, सुरक्षा और भावनात्मक स्थिति को प्राथमिकता देकर वंतारा ने करुणा और संस्कृति के सम्मान के बीच एक सुंदर संतुलन दिखाया है।
यह साझा प्रयास न सिर्फ कानून और भावनाओं को जोड़ता है, बल्कि महादेवी (माधुरी) को एक सुरक्षित, स्नेहमयी और गरिमापूर्ण भविष्य देता है। कोल्हापुर के लोगों के लिए यह एक भावनात्मक सुकून की घड़ी है।