रात की बात पर भड़क उठी महुआ मोइत्रा, फौरन किया एथिक्स कमेटी का बायकॉट

नई दिल्ली। पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में TMC सांसद महुआ मोइत्रा से लोकसभा एथिक्स कमेटी ने गुरुवार 2 नवंबर को पूछताछ की। महुआ मोइत्रा, दानिश अली और अन्य विपक्षी सांसद भड़कते हुए 3:35 बजे एथिक्स कमेटी के दफ्तर से बाहर निकले।

जब इनसे गुस्से का कारण पूछा गया तो दानिश अली बोले- चेयरमैन पूछ रहे हैं कि रात में किससे बात करती हैं, क्या बात करती हैं। ये कैसी एथिक्स कमेटी है, जो अनैतिक सवाल पूछ रही है। विपक्षी सदस्यों, टीएमसी सांसद महुआ के हंगामे के बाद भी एथिक्स कमेटी ने विचार-विमर्श जारी रखा।

पूछताछ से बायकॉट पर किसने क्या कहा

विपक्षी सदस्यों के बहिष्कार पर एथिक्स कमेटी प्रमुख विनोद सोनकर ने कहा- सदस्यों ने पैनल की कार्यप्रणाली और मेरे खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। BJP सांसद निशिकांत दुबे ने कहा- दर्शन हीरानंदानी के हलफनामे में किए गए दावों पर लोकसभा की एथिक्स कमेटी महुआ मोइत्रा से सवाल करने के लिए बाध्य है। एथिक्स पैनल की सदस्य अपराजिता सारंगी बोलीं- जब दर्शन के हलफनामे के बारे में पूछा गया तो टीएमसी सांसद महुआ ने गुस्से में और अहंकारपूर्ण व्यवहार किया।

महुआ ने खुद को निर्दोष बताया था

इससे पहले खबर आई थी कि महुआ ने एथिक्स कमेटी के सामने खुद को निर्दोष बताया। उन्होंने कहा कि वकील जय अनंत देहाद्राई से निजी रिश्तों में खटास के कारण यह विवाद खड़ा हुआ है। महुआ के मामले में गृह, IT और विदेश मंत्रालय ने एथिक्स कमेटी को रिपोर्ट सौंपी हैं, उनके आधार पर महुआ से सवाल-जवाब हुए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, IT मिनिस्ट्री ने कमेटी को बताया कि महुआ की ID से दुबई से कम से कम 47 बार लॉगिन किया गया। कमेटी ने 26 अक्टूबर को हुई बैठक के बाद तीनों मंत्रालयों से जानकारी मांगी थी।

महुआ ने कहा था- 2 नवंबर को सारे झूठ ध्वस्त कर दूंगी

उधर, दिल्ली रवाना होने से पहले महुआ ने कहा- ‘2 नवंबर को सारे झूठ ध्वस्त कर दूंगी। अगर मैंने एक भी रुपया लिया होता, तो भाजपा तुरंत मुझे जेल में डाल देती। भाजपा मुझे संसद से सस्पेंड कराना चाहती है। सच तो यह है कि वे मेरा बाल भी बांका नहीं कर सकते। एथिक्स कमेटी के पास क्रिमिनल ज्यूरिस्डिक्शन नहीं है।’

देहाद्राई बोले- जल्द ही सबके सामने सच्चाई रखूंगा

महुआ के खिलाफ कैश फॉर क्वेरी मामले में शिकायत दर्ज कराने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई ने कहा कि अभी मामला कोर्ट में है, इसलिए अभी इसके बारे में कुछ कहना सही नहीं होगा, लेकिन बाद में मैं सच्चाई सामने रखूंगा। उन्होंने कहा कि मैं किसी और के बारे में कमेंट नहीं कर सकता। ये एक आजाद देश है, यहां हर व्यक्ति जो चाहे वो कह सकता है, लेकिन आप जो भी कहते हैं उसका अंजाम आपको भुगतना पड़ता है। मैं भी सही समय आने पर सबके सामने बताऊंगा कि क्या हुआ था। अगर कोई व्यक्ति विक्टिम बनकर हकीकत छिपाने की कोशिश कर रहा है, तो पूरा देश उसे देख रहा है। लोग बहुमत समझदार हैं।

महुआ ने हीरानंदानी-देहाद्राई को क्रॉस एग्जामिन करने की मांग की

TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई को क्रॉस एग्जामिन करने की मांग की है। उन्होंने 31 अक्टूबर को लोकसभा की एथिक्स कमेटी को लेटर लिखा। इसमें TMC सांसद ने कहा- हीरानंदानी और देहाद्राई ने मेरे खिलाफ लगाए आरोपों का सबूत नहीं दिया है। इसलिए मैं दोनों को क्रॉस एग्जामिन करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करना चाहती हूं।

19 अक्टूबर को मामले में हीरानंदानी ने कमेटी को हलफनामा देकर बताया था कि उन्होंने संसद में सवाल पूछने के लिए तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को रिश्वत दी थी। इसके बाद TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने स्वीकार किया है कि उन्होंने अपने मित्र और बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी को संसद का अपना लॉगिन पासवर्ड दिया था। हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने इसके बदले में कैश या महंगे गिफ्ट लिए।

एथिक्स कमेटी प्राइवेट मैटर की जांच के लिए सही जगह नहीं

महुआ ने कहा- 2021 के बाद एथिक्स कमेटी की कोई बैठक नहीं हुई है। कमेटी ने अभी तक अपना मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट तैयार नहीं किया है। अगर मुझ पर कोई आपराधिक आरोप है तो जांच एजेंसियों को जांच करनी चाहिए। एथिक्स कमेटी किसी के प्राइवेट मैटर की जांच के लिए सही जगह नहीं है।

क्या है पूरा मामला

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने महुआ पर आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे और तोहफे लिए थे। इस मामले को स्पीकर ने एथिक्स कमेटी को भेज दिया। निशिकांत ने 21 अक्टूबर को महुआ पर एक और गंभीर आरोप लगाया। निशिकांत ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में लिखा- कुछ पैसों के लिए एक सांसद ने देश की सुरक्षा को गिरवी रख दिया। मैंने इसे लेकर लोकपाल से शिकायत की है।

उन्होंने कहा कि दुबई से संसद की ID खोली गई, जबकि उस वक्त वो कथित सांसद भारत में ही थीं। इस नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) पर पूरी भारत सरकार है। देश के प्रधानमंत्री, वित्त विभाग, केंद्रीय एजेंसी यहां हैं। क्या अब भी TMC व विपक्षी दलों को राजनीति करनी है। निर्णय जनता का है। NIC ने यह जानकारी जांच एजेंसी को दे दी है।

एथिक्स कमेटी ने 27 अक्टूबर को महुआ को समन भेजा और 31 अक्टूबर को सुबह 11 बजे कमेटी के सामने पेश होने का निर्देश दिया था। महुआ ने इसी दिन एथिक्स कमेटी को लिखा था कि वे 5 नवंबर के बाद ही मौजूद हो पाएंगी। 28 अक्टूबर को एथिक्स कमेटी ने महुआ को 2 नवंबर को पेश होने को कहा।

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