मिलिए अनुराधा और कनिका से, दो औरतें जो रिसर्च और फोरकास्टिंग से बदल रही हैं भारतीय फैशन का स्वरूप

फ़ास्ट फैशन और कड़ी प्रतिस्पर्धा के इस दौर में, फैशन मैन्युफैक्चरिंग की प्रक्रिया अब काफी जटिल जान पड़ती है| ऐसा ख़ासकर इसलिए है क्यूंकि मैन्युफैक्चरर्स और ब्रांड्स को उपभोक्ताओं के बदलते पसंद और नापसंद के हिसाब से अक्सर खुद को ढालना पड़ता है| ट्रायल और एरर का तरीका भी ऐसे में ख़ास मददगार साबित नहीं होता, जिस वजह से अक्सर ब्रांड्स को अपने कलेक्शन सेल के माध्यम से कम दाम में निकालते पड़ते हैं, और कई मौको पर तो सेल भी कोई ख़ास मदद नहीं कर पाते| समय की मांग है कि फैशन मैन्युफैक्चरर्स और ब्रांड्स आने वाले ट्रेंड्स से भली भाति अवगत हो, और उसके अनुसार ही अपना आने वाला कलेक्शन प्लान करें|

भारतीय फैशन का अपना अलग अंदाज है, जिसमें पारंपरिक पोशाक से लेकर फ्यूजन वियर का आपसी मेल है और इसी में भारतीय फैशन की अभिव्यक्ति और प्रभुत्व दोनों को महसूस किया जा सकता है। जाहिर है भारतीय फैशन उद्योग को वर्तमान चुनौतियों एवं जरूरतों के मद्देनजर बदलाव की जरूरत है और यहां अनुराधा चंद्रशेखर एवं कनिका वोहरा के रूप में दो करीबी मित्र तथा बेहद अनुभवी फैशन-प्रोफेशनल्स ने इस पूरे इकोसिस्टम को बदलने के लिए इच नेक्स्ट (ICH NEXT) को बनाया है, जो की भारत का पहला और एकमात्र अपना फैशन फोरकास्टर है|

अनुराधा चन्द्रशेखर बताती हैं कि आज के समय में फैशन उद्योग के लिए फैशन फोरकास्टिंग एक आवश्यकता क्यों है। वह कहती हैं, “नए सीजन के लिए कलेक्शन तैयार करने से पहले फैशन फोरकास्ट का इस्तेमाल विश्व स्तर पर दशकों से किया जा रहा है| इसे शुरू करने से पहले हमने असंख्य केस स्टीडीज़ की जांच की, जिससे हमें पता चला कि मौजूदा फैशन डिजाइन उपभोक्ताओं के वास्तविक रुझानों के अनुरूप नहीं थी। उनमें काफी कमी थी। पहले अगर कोई रिसर्च होती थी , तो वह ज्यादातर फैशन के मैक्रो इन्फ्लुएंस पर केंद्रित रही , माइक्रो रिसर्च की कमी की वजह से रिसर्च ‘सबके लिए चलेगा’ दृष्टिकोण पर बहुत अधिक निर्भर थी। जबकि नए फैशन-रुझानों को समझने के लिए उपभोक्ता व्यवहार, सेलिब्रिटी प्रभाव, रनवे रुझान, सोशल मीडिया, यात्रा, एक्सपेरिमेंटल चेंज और यहां तक कि राजनितिक विचारधारा से प्रभावित उपभोगताओं की प्राथमिकताओं के गहन अध्ययन की आवश्यकता पड़ती है। इच नेक्स्ट (ICH NEXT) इसी पर ध्यान केंद्रित करता है। हमारा व्यापक रिसर्च हमारे फैशन फोरकास्टिंग रिपोर्ट के लिए साइंटिफिक आधार तैयार करता है। इससे ब्रांड्स और मैन्युफैक्चरर्स को निर्माण प्रक्रिया में सहायता मिलती है। ये ट्रेंड रिपोर्ट किसी कलेक्शन को बाजार में उतारने के लगभग 6-9 महीने पहले दी जाती है ताकि वह इसका भरपूर लाभ उठा सकें| जिन ब्रांड्स या मैन्युफैक्चरर्स ने फैशन फोरकास्टिंग को अपनाया है, उनके लगभग सात गुना तक फायदा हुआ है।”

मैन्युफैक्चरर्स को फैशन फोरकास्टिंग के विभिन्न लाभों से अवगत कराने के लिए इच नेक्स्ट (ICH NEXT) ने फैशन निर्माताओं के लिए अखिल भारतीय मास्टरक्लास की अपनी सीरीज शुरू की है। इस बारे में कनिका वोहरा ने कहा, “इन मास्टरक्लास के जरिये हम फैशन ब्रांड्स और मैन्युफैक्चरर्स के साथ अपनी समझ और अनुभव साझा करना चाहते हैं और उन्हें रिसर्च-आधारित फैशन फोरकास्टिंग के महत्व को समझाना चाहते हैं। जब वे रिसर्च आधारित उत्पाद तैयार करेंगे तो उनका कलेक्शन हमेशा शानदार होगा, जिससे उनके मुनाफे में वृद्धि होगी। इच नेक्स्ट (ICH NEXT) उपभोक्ताओं की नब्ज को पहले से समझने में मदद कर मैन्युफैक्चरर्स को एक कदम आगे रहने में मदद करता है। इस क्रम में, मास्टरक्लास का पहला चरण इस महीने जयपुर में आयोजित किया गया जहां क्लॉथिंग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएमएआई) और गारमेंट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (जीईएआर) ने 50 निर्माताओं के साथ पूरे दिल से भाग लिया। हालांकि यह पहला कदम था, हम इस तरह की मास्टर क्लास के साथ देश भर में अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचेंगे।”

कनिका ने आगे बताया, “हमें जो सफलता मिली है, वह रिसर्च और उपभोक्ता के पसंद को गहराई से समझने के कारण मिली है। हमारा मानना है कि रिसर्च किसी भी बिज़नेस को सफल बनाने के लिए एक मजबूत नींव रखता है, और हम वह कंपनी हैं जो ऐसे आधार को बनाने में पूरी तरह सक्षम हैं| हम इसे इच नेक्स्ट (ICH NEXT) और मैन्युफैक्चरर्स के एक संयुक्त प्रयास के रूप में देखते हैं, जहाँ हम उन्हें आवश्यक जानकारी, जैसे कंस्यूमर रुझान के अनुसार फ्यूचर ट्रेंड्स, मुहैया कराते हैं| ताकि मनुफक्चरर्स दूसरे अहम फैक्टर्स पर ध्यान केंद्रित कर सकें| आने वाले पांच वर्षों में हम अपने मैकेनिज्म को और सुदृढ़ बनाएंगे, एवं विभिन्न सेग्मेंट्स में बेहतर रिसर्च ले कर आएंगे| हम फैशन और जीवनशैली के सभी सेग्मेंट्स को सशक्त बनाने के लिए तकनीक और एआई में निवेश कर रहे हैं।”

इसी बीच अनुराधा ने बताया कि उन्होंने अपनी ‘माया थीम’ के जरिये पिछले वर्ष भविष्यवाणी की थी कि समर सीजन-24 में ये ट्रेंड पूरे फैशन उद्योग में छा जाएगा। उनके अनुसार, 2024 की गर्मियों में परिधान रैक पर सिट्रस लाइम और मेन्थॉल ब्लू का राज होने की उम्मीद है। भारत में, उपभोक्ता ऐसे रंगों की तलाश करते हैं जो आशावाद, सद्भाव, परंपरा और नवीनता को दर्शाते हों। हर्बल गुलाबी और टी, साल्ट-लेक पीच, और ग्रे के साथ मिंट मार्बल ब्लू जैसे रंग पैलेट में शामिल होने के लिए तैयार हैं।

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