अखिलेश के बाद मायावती पर शिकंजा, स्मारक घोटाले में लखनऊ में 6 जगहों पर ED की छापेमारी, मचा हड़कंप

लखनऊ । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम स्मारक घोटाले को लेकर उत्तरप्रदेश में छह जगहों पर छापेमारी कर रही है। इस घोटाले को 2007 से लेकर 2011 के बीच अंजाम दिया गया।इसमें बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती के शासनकाल में 1400 करोड़ की लागत से स्मारक परियोजना चलाई गई थी।

अखिलेश के बाद मायावती पर शिकंजा, लखनऊ में कई करीबियों के ठिकानों पर ED की छापेमारी

सूत्रों ने ईडी की इस कार्रवाई की सूचना दी है। मामले में लगे आरोपों के मुताबिक सरकार को उक्त योजना में 111 करोड़ का वित्तीय नुकसान हुआ। इस मामले को लेकर कई सरकारी अधिकारी और निजी ठेकेदार ईडी के रडार पर थे। यावती के शासनकाल में नोएडा एवं लखनऊ में पार्कों और स्मारकों का निर्माण कराया गया था। इसमें बड़े पैमाने पर घोटाला होने की बात कही गई थी।प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सत्ता संभालते ही पार्कों और स्मारकों में पत्थरों को लगाने में हुए घोटाले की जांच लोकायुक्त से कराने की सिफारिश की थी। लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा ने अपनी जांच रिपोर्ट में इस घोटाले की पुष्टि करते हुए 19 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने की सिफारिश तत्कालीन सपा सरकार से की थी। ये अलग बात है कि अब मौजूदा राजनीतिक मजबूरी के कारण अखिलेश और मायावती एक साथ हैं और केन्द्र सरकार का विरोध कर रहे हैं।

 

स्मारक घोटाले में लंबे समय से अटकी है जांच

स्मारक घोटाले में विजिलेंस के साथ ही ईडी ने भी केस दर्ज कर रखा है। लंबे समय से विजिलेंस की जांच आगे नहीं बढ़ रही है। इस मामले में अभी तक विजिलेंस की तरफ से आरोप पत्र भी नहीं दाखिल किए गए हैं। कोई छापेमारी और गिरफ्तारी भी नहीं हुई है। इसके चलते ईडी की जांच भी आगे नहीं बढ़ पा रही है। एजेंसियों को भेजे गए इन पत्रों के जरिए ईडी स्मारक घोटाले जैसे मामलों का ब्यौरा जुटाएगी। बसपा सरकार में 1400 करोड़ रुपये के स्मारक घोटाले की जांच सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) जल्द पूरी करने जा रहा है। पांच वर्ष बाद इस मामले की जांच में बसपा सरकार के दो कद्दावर मंत्रियों नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा समेत तीन दर्जन से ज्यादा इंजीनियरों और अन्य विभागों के अफसरों का फंसना तय माना जा रहा है। तमाम दुश्वारियों के बाद विजिलेंस इस मामले में जल्द अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपने की तैयारी में है हालांकि इससे पहले वह इस पर विधिक राय भी लेगी ताकि कोई भी आरोपी कानून के शिकंजे से बचने में कामयाब न हो सके।

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