साण्डा-सीतापुर। भ्रष्टाचार की जरा पराकाष्ठा देखिए। जिस शिक्षक को भगवान का दर्जा दिया जाता है वही वही छात्रों के साथ छल कपट करने से बाज नहीं आते है। विकासखंड सकरन क्षेत्र के एक स्कूल में शिक्षक बच्चों के हिस्से का दूध खुद ही डकार रहे है। उन्हें सेहत के नाम पर सिर्फ तहरी खिलाई जा रही है।
सरकारें जहां देश के कर्णधारों को सेहतमंद बनाना चाहती हैं वहीं भ्रष्टाचार में लिप्त शिक्षक उनके हिस्से का दूध खुद ही पी रहे है। इस मामले की पड़ताल जब पत्रकारों ने की तो आज आनन फानन में थोड़ा दूध मंगा लिया गया। मगर बच्चों की संख्या के आगे यह दूध ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा था।
मामला विकास खंड सकरन के ब्लाक संसाधन केंद्र सांडा के सम्मुख स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय सांडा का प्रकाश में आया है। ज्ञात हो कि पूर्व माध्यमिक विद्यालय सांडा में बुधवार को बच्चों को एमडीएम के तहत प्रति छात्र 200 एमएल दूध दिया जाना था परंतु विद्यालय की शिक्षिका व प्रधान की मिलीभगत के चलते बच्चों को तहरी तक ही सीमित रहना पड़ा। इतना ही नहीं जब इसकी हकीकत जाननी चाही तो 12.05 मिनट पर आनन-फानन में दूध मंगा लिया गया। जब कि छुट्टी का समय 12 बजे है और दूध का वितरण सुबह प्रार्थना सभा के बाद होना चाहिए था।
मजे की बात तो यह है कि 121 बच्चों के सापेक्ष मात्र 5 लीटर दूध मंगा कर दूध वितरण की खानापूर्ति कर दी गई। यदि सही मायने में दूध का वितरण किया जाता तो प्रति छात्र 200 एमएल के हिसाब से 24 लीटर 200 एमएल की आवश्यकता थी। सूत्रों की माने तो विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति के सापेक्ष अनाज भी कम दिया जाता है। साथ ही जुलाई माह के किसी भी बुधवार को दूध न वितरित किए जाने की सूचना प्राप्त हुई।
जहां शासन और प्रशासन परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा, ड्रेस, जूता मोजा, बैग, किताबे, बर्तन, भोजन, फल, दूध आदि योजनाएं देखकर बच्चों को विद्यालय की ओर आकर्षित करने का प्रयास कर रहा है वही अध्यापक व प्रधान इस मंशा को चूना लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
इस संबंध में जब विद्यालय की प्रधानाध्यापिका अस्मिता सिंह यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रधान के द्वारा दूध नहीं दिया जा रहा है मेरे द्वारा उच्च अधिकारियों को लिखित रुप से सूचना दे दी गई है हम विवश हैं कुछ नहीं कर सकते।
- इस संबंध में साण्डा प्रधान प्रतिनिधि कय्यूम अंसारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि दूध आने में देरी हो गई थी इसलिए समय से नहीं पहुंच सका।
- इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी जीतेंद्र बहादुर चैधरी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया है उचित कार्यवाही की जाएगी।
- इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार से बात करने का प्रयास किया गया परंतु फोन न रिसीव होने के कारण बात नहीं हो पाई।