सोशल मीडिया पर लाखों कवि, किताब पांच सौ भी नहीं बिकती: संजय कुंदन 

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अमर भारती के काव्योत्सव में डॉ. अरविंद डोगरा हुए सम्मानित
गाजियाबाद। कविता के बारे में कुछ लोगों की राय है कि यह भी “टेलीग्राफ” की तरह से लुप्त हो जाएगी। लेकिन “अमर भारती साहित्य संस्कृति संस्थान” के आयोजन इस बात का प्रमाण हैं कि कविता अभी जिंदा है। यह कथन है कवि, कथाकार और पत्रकार संजय कुंदन का। श्री कुंदन बतौर अध्यक्ष “काव्योत्सव” को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया संकेत देता है कि देश में हिंदी कवियों की संख्या लाखों में है। लेकिन हिंदी कविता की 5 सौ प्रतियां भी नहीं बिकतीं। जाहिर है कविता के साथ न्याय नहीं हो रहा है। उन्होंने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को चमत्कृत भी किया।
नेहरू नगर स्थित सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल में आयोजित मासिक काव्योत्सव के मुख्य अतिथि पंकज सिंह ने कहा कि साहित्य के क्षेत्र में जो काम अकादमियों द्वारा किया जाना चाहिए वह काम एक छोटे से स्कूल में उत्कृष्ट तरीके से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अमर भारती का यह आंदोलन हिंदी साहित्य में मील का पत्थर साबित होगा। श्री सिंह ने अपने दोहों पर जम कर वाह वाही बटोरी।
विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार रवि पाराशर रहे। इस दौरान चिकित्सा व काव्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉ. अरविंद डोगरा को “प्रतिभा सम्मान” से सम्मानित किया गया। शायर सुरेंद्र सिंघल, कवि श्रीबिलास सिंह, सुभाष अखिल, तरुण मिश्रा, संस्था के अध्यक्ष गोविंद गुलशन,  संस्था के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. धनंजय सिंह की कविताओं को काफी सराहा गया।
मीडिया 360 लिट्रेरी फाउंडेशन के अध्यक्ष शिवराज सिंह ने अमर भारती के आयोजनों के बाहरी क्षेत्रों में विस्तार पर जोर दिया। कार्यक्रम का संचालन आलोक यात्री ने किया। काव्योत्सव में डॉ. संजय शर्मा, वी.के. शेखर, डॉ. तारा गुप्ता, डॉ. बीना मित्तल, प्रवीण कुमार, रवि अरोड़ा, तूलिका सेठ, उमाकांत दीक्षित, कल्पना कौशिक, अशोक राठौर, इंद्रजीत सुकुमार, सुरेंद्र शर्मा, राजीव सिंघल, आर.पी. शर्मा, ममता शर्मा, डॉ. श्वेता त्यागी, सुप्रिया सिंह मीणा, सोनम यादव व सुरेश मेहरा आदि की रचनाएं भी सराही गईं। सुभाष नीरव, अंजना डोगरा, ठाकुर प्रसाद चौबे, अमरेंद्र राय, सुशील कुमार शर्मा व कुलदीप ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर दीपांकर भारद्वाज, रमेश पांडेय, सुशील गुप्ता, संदीप गोयल, विपिन मित्तल, कमलेश संजीदा, वागीश शर्मा, राजपाल त्यागी, मनोज मक्कड़, अमर सिंह राठौर, राजीव भाई, वीरेंद्र कांत शर्मा, शिव प्रकाश रक्षक एवं गोविंद सिंह सहित बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी मौजूद थे।

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