
मिर्जापुर। भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद नई दिल्ली एवं जीडी बिनानी पीजी कॉलेज के इतिहास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में महाविद्यालय के पदमा बिनानी सभागार में “शहादत और विरासत: भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में क्रांतिकारी आंदोलन की भूमिका” विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के द्वितीय दिवस का कार्यकम शनिवार, 12 अप्रैल 2025 को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
राष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन के तृतीय अकादमिक सत्र का प्रारंभ संगोष्ठी के संयोजक डॉ ऋषभ कुमार के द्वारा सत्र में उपस्थित विषय विशेषज्ञों डा आलोक कुमार, डा अमर कृष्ण यादव, डा शुभनीत कौशिक, डा बृजेश कुमार शुक्ला एवं सत्र की अध्यक्षता कर रहे डा कुलदीप पांडेय का अभिवादन अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह एवं तुलसी का पौधा देकर सम्मानित किया। इसी के साथ समानांतर रूप से ऑनलाइन एवं ऑफलाइन तकनीकी सत्र तृतीय एवम् चतुर्थ सत्र की अध्यक्षता डा पुनीत यादव एवं सह अध्यक्षता विवेक कुमार सिंह ने की, जिसमें विभिन्न प्रतिभागियों ने ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया गया। महाविद्याल के डॉ शशिधर शुक्ला ने तृतीय अकादमिक सत्र का संचालन किया।
इसके पश्चात चतुर्थ अकादमिक सत्र की अध्यक्षता प्रो बालकेश्वर द्वारा किया गया, जिसमें डा शक्ति सिंह, डा अजीत कुमार राय एवं डा शशिकेश कुमार गोंड ने अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। प्रो कुलदीप पांडेय ने अपने वक्तव्य में कहा कि क्रांतिकारियों के बलिदान को केवल उनके शहीद होने के आधार पर न करके उनके योगदान के उचित मापदंड के आधार पर विश्लेषण करना चाहिए। राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में जगद्गुरु रामभद्राचार्य विश्वविद्यालय चित्रकूट के कुलपति प्रोफेसर शिशिर कुमार पांडे ने सरस्वती प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण करके समापन समारोह का प्रारंभ किया।

महाविद्यालय की छात्रा तृषा पाठक ने मनमोहक सरस्वती वंदना के द्वारा लोगों का ध्यान आकृष्ट किया। कुलपति द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी के विषय पर खुशी प्रकट करते हुए कहा गया कि निश्चित रूप से क्रांतिकारी का बलिदान वर्तमान की नींव रखा है। अध्यक्षीय उद्बोधन में महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर वीना सिंह ने अतिथियों का अभिनंदन एवं आभार व्यक्त किया और सभी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित किया। समापन समारोह का संचालन महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग की प्रोफेसर डॉ आत्रेयी आद्या अध्याय चटर्जी के द्वारा किया गया। आज के गेस्ट ऑफ ऑनर काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी की प्रोफेसर डॉ अनुराधा सिंह संगोष्ठी की विषय को वर्तमान में उपयोगी बताया।
विशिष्ट अतिथि के रूप में के बी पी जी कॉलेज मिर्जापुर के प्राचार्य प्रोफेसर अशोक सिंह ने राष्ट्रीय संगोष्ठी के विचारधारा एवं मूल तत्व को आज की युवा पीढ़ी को सीखने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर विभिन्न महाविद्यालय से प्राध्यापक गण, शोध छात्र एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।