विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान का सांसद ने किया आगाज : हरी झंडी दिखाकर रैली को किया रवाना

12 विभाग मिलकर करेंगे काम

जिले के 20 हाई रिस्क गांवों पर अभियान में रहेगा विशेष जोर
मच्छरों, चूहा, छछूंदर से फैलने वाली बीमारियों के प्रति लाएंगे जनजागरूकता

सिद्धार्थनगर, जिले में एक माह तक चलने वाले विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह का शनिवार से शुभारंभ हो गया। जिला मुख्यालय पर सांसद जगदंबिका पाल ने जन जागरूकता के लिए रैली को हरी झंडी देकर अभियान का आगाज किया। सभी ब्लॉक क्षेत्रों में अभियान का शुभारंभ स्थानीय जनप्रतिनिधियों, ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में किया गया। अभियान के दौरान 12 विभाग आपस में मिल कर कार्य करेंगे। जिले के 20 हाई रिस्क गांवों में अभियान के दौरान विशेष जोर रहेगा। इस दौरान मच्छरों, चूहा और छछूंदर से फैलने वाली बीमारियों के बारे में जनजागरूकता लाई जाएगी ।

इस दौरान सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि पूर्वांचल में जापानी इंसेफेलाइटिस अभिशाप बन चुकी है। वर्तमान सरकार के निर्देशन में समय-समय पर संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाकर जेई-एईएस को काबू में किया गया है। यह बड़ी उपलब्धि है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनोद कुमार अग्रवाल ने बताया कि अभियान के दौरान ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में नालियों और झाडि़यों की साफ-सफाई, मच्छरों पर नियंत्रण, सुकरबाड़ों और पशुबाड़ों के स्वच्छता की जानकारी, बुखार के रोगियों को चिन्हित कर जांच व उपचार, स्वच्छ पेयजल के विषय में जनजागरूकता, चूहा और छछूंदर के प्रति जनजागरूकता के आधार पर खुले में शौच से मुक्ति की गतिविधियां संचालित की जाएंगी । लोगों के बीच मुख्य संदेश दिया जाएगा कि वह व्यक्तिगत व सामुदायिक साफ-सफाई रखें। किसी भी प्रकार का बुखार हो तो सरकारी अस्पताल में नि:शुल्क इलाज कराएं। अस्पताल जाने के लिए 108 नंबर की नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा का इस्तेमाल करें। इस दौरान डीटीओ डॉ. डीके चौधरी, डीएमसी अमित शर्मा, महामारी रोग विशेषज्ञ समीर सिंह, अरुण प्रजापति, प्रत्यूश दूबे, राजेश शर्मा, मानबहादुर, प्रमोद कुमार संत आदि मौजूद रहें।
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हाई रिस्क गांवों पर नजर
जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) सुनील चौधरी ने बताया अभियान में हाई रिस्क गांवों की गतिविधियों पर विशेष नजर रखी जाएगी। यह ऐसे गांव हैं जहां कभी दिमागी बुखार से मृत्यु हुई है अथवा तीन साल के भीतर कोई केस सामने आया है। ऐसे गांवों में सभी विभाग प्राथमिकता के साथ अपनी भूमिका निभाते हैं। अभियान के दौरान सहयोगी संस्था विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) और पाथ की विशेष भूमिका रहेगी ।
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मिलते हैं संदेश
खेसरहा क्षेत्र के बेलबनवा गांव के सुधीर कुमार का कहना है कि पहले भी अभियान के दौरान उनके गांव में नालियों और झाडि़यों की साफ-सफाई होती रही है। आशा बताती हैं कि फुल आस्तीन के कपड़े पहनने हैं। अगर बुखार तेज है तो 108 एंबुलेंस को कॉल करके सीधे अस्पताल जाना है। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना है। नंगे पैर खेतों और झाडि़यों में नहीं जाना है।
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यह विभाग निभाएंगे जिम्मेदारी
सीएमओ ने बताया कि अभियान में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, आईसीडीएस, ग्राम विकास एवं पंचायती राज विभाग, शिक्षा विभाग, नगर पंचायत, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, दिव्यांग कल्याण, स्वच्छ भारत मिशन, सूचना विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग सक्रिय हिस्सेदारी निभाएंगे। इस संबंध में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में जिलाधिकारी संजीव रंजन के स्तर से प्राप्त दिशा-निर्देशों का अनुसरण करते हुए समन्वय बना कर कार्य किया जाएगा।

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