नाबार्ड समर्थित एफपीओ अब करेगा बासमती चावल का निर्यात

जिलाधिकारी कैम्प कार्यालय में नीर आदर्श आर्गेनिक कृषक उत्पादक संगठन सरधना, मेरठ एवं चमन लाल सेटिया एक्स्पोर्टस लिमिटेड के मध्य किया गया बासमती चावल पर एमओयू साइन

भास्कर समाचार सेवा
मेरठ। छोटे और सीमांत किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने का अवसर देने के लिए और आय को दुगनी करने के लिए नाबार्ड समर्थित नीर आदर्श ऑर्गैनिक कृषक उत्पादक संगठन सरधना, मेरठ एवं चमन लाल सेटिया एक्स्पोर्टस लिमिटेड के मध्य जिलाधिकारी कैम्प कार्यालय में बासमती चावल पर एमओयू साइन किया गया।

एफपीओ को निर्यातक से मिलवाने में रचित उप्पल (जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड) एवं डॉ• रितेश शर्मा (प्रधान वैज्ञानिक, बासमती निर्यात विकास फाउंडेशन (एपीडा) की अहम भूमिका रही।

जिलाधिकारी ने कहा कि एफपीओ किसानों को मोल भाव करने में बड़े उद्यमों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में मदद करते हैं, जिससे सदस्यों को इनपुट और आउटपुट दोनों बाजारों में मदद मिलती हैं। यह एमओयू किसानों के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, क्योंकि वे अब एफपीओ के माध्यम से अपनी अधिक उपज बेचने के लिए उत्साहित हैं और मूल्य वर्धित उत्पादों और बेहतर बिक्री प्राप्ति के लिए संयुक्त प्रसंस्करण सहित अधिक संभावनाओं के लिए खुले हैं। केंद्रीय सरकार की 10,000 एफपीओ योजना के तहत एक साल पहले नीर आदर्श जैविक एफपीओ का गठन जिले के सरधना ब्लॉक में किया गया था जिसकी नाबार्ड कार्यान्वयन एजेंसी है।

डीएम ने कहा, मेरठ गन्ना उत्पादन के लिए जाना जाता है। हालांकि बासमती चावल पर एफपीओ को देख किसान एफपीओ से जुड़ रहे है। एफपीओ में लगभग 350 किसान हैं। कोशिश है जल्द से जल्द ये संख्या को 500 के पार ले जाए। एमओयू साइन करने के दौरान मुख्य विकास अधिकारी शशांक चौधरी, जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड रचित उप्पल, प्रधान वैज्ञानिक (एपीडा) डॉ• रितेश शर्मा, एएएमओ राहुल यादव शामिल रहे।