कृषीतर गतिविधियों को बढ़ावा देने पर दिया जोर
कृषीतर क्षेत्र विकास के माध्यम से ग्रामीण समृद्धि विषय पर हुई
भास्कर समाचार सेवा
देहरादून। नाबार्ड की ओर से कृषीतर क्षेत्र विकास के माध्यम से ग्रामीण समृद्धि विषय पर क्षेत्रीय सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से किया गया। बैठक महाप्रबंधक भास्कर पंत की अध्यक्षता तथा उप महाप्रबंधक एसएल बिड़ला के समन्वय में किया गया। बैठक में उप महाप्रबंधक एसएल बिड़ला ने क्षेत्रीय सलाहकार समिति के गठन के उद्देश्यों पर प्रकाश ड़ालते हुए कहा कि उत्तराखंड में खेती जोत छोटी व बिखरी हुई है। ऐसे में जीवन यापन के लिए ग्रामीण केवल कृषि पर निर्भर नहीं रह सकता है। इसलिए कृषीतर गतिविधियों को बढ़ावा देना होगा जो प्रदेश के आर्थिक विकास के साथ-साथ किसानों की आजीविका को बढ़ाने में सहायक होंगी। बैठक की अध्यक्षता करते हुए महाप्रबंधक भास्कर पंत ने एनएसएसओ की 76वीं रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कृषीतत्र क्षेत्र की गतिविधियां न केवल किसानों के कृषि जोखिम को कम करती है बल्कि उसकी आय को बढ़ाने में भी मददगार है।
विकास कुमार जैन ने नाबार्ड की ओर से विभिन्न माध्यमों में कृषीतर क्षेत्र को दी जा रही अनुदान व ऋण सहायता के बारे में विस्तृत प्रस्तुति दी। भारतीय रिजर्व बैंक से महेश सिंह ने कृषीतर क्षेत्र को किसानों के लिए पूरक व अनुपूरक बताते हुए कहा कि इस क्षेत्र प विशेष ध्यान देना चाहिए। उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक, उत्तराखंड ग्रामीण बैंक, एनजीओ के सदस्यों ने भी अपनी बात रखी। बैठक का समापन उप महाप्रबंधक उर्वशी गर्ग के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। बैठक में विभिन्न हितधारकों की ओर से प्रतिभाग किया गया जिसमें उप निदेशक उद्योग एमएस सजवान, सिडबी से नीरज बडवाल, भारतीय रिजर्व बैंक से महेश सिंह, केवीआईसी के राज्य निदेशक रामनारायण, एसएलबीसी के प्रतिनिधि, उत्तराखंड ग्रामीण बैंक व उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक के महाप्रबंधक, एसएलआरएम से प्रदीप पांडेय, उत्तराखंड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड व उत्तराखंड हस्तशिल्प एवं हथकरघा परिषद के प्रतिनिधि, भारतीय ग्रामोत्थान संस्था से अनिल चंदोला तथा संकल्प समाजिक संस्था से शांति परमार आदि व नाबार्ड के अधिकारी शामिल हुए।