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भास्कर ब्यूरो/शहजाद अंसारी
नगीना। पुलिस द्वारा टीबी के मरीज को मोटरसाइकिल चोरी और अवैध चाकू में चालान करने की कहानी उस समय कोर्ट में झूठी साबित हो गई जब अधिवक्ताओं के तर्क से संतुष्ट होकर एसीजेएम नगीना आमोद कंठ ने अभियुक्त का रिमांड खारिज कर पुलिस के इस कारनामें पर नाराजगी जताते हुए पुलिस को फटकार भी लगाई।
नगीना थाने में तैनात अपराध निरीक्षक नरेश कुमार ने अपनी टीम के उपनिरीक्षक सुभाष तोमर, हैड कांस्टेबल अंकित कुमार, कांस्टेबल ललित कुमार व सूरज कुमार के साथ 8 फरवरी को वाहन चेकिंग के दौरान दो लोगों शहजाद पुत्र अब्दुल समी निवासी मोहल्ला कलालान व एक अन्य शहजाद पुत्र निवासी हीमपुर दीपा को चोरी की मोटरसाइकिल व अवैध तमंचा बरामद होने की बात कहते हुए 411 आईपीसी वह 4/25 आर्म्स एक्ट सहित कई धाराअें में चालान न्यायालय में पेश किया जहां विद्वान अधिवक्ता तुफैल अहमद व युवा अधिवक्ता काशिफ नईम एडवोकेट ने पुलिस की कहानी को फर्जी बताकर रिमांड पर बहस करते हुए कहा कि उनका मुवक्किल शहजाद पुत्र अब्दुल समी निवासी मोहल्ला कलालान नगीना टीबी का मरीज है और 02 जनवरी 2024 को भी नगीना पुलिस ने इसका चालान 420, 467, 468, 471 आईपीसी 4/25 आर्म्स एक्ट में किया था जिस पर माननीय एसीजेएम कोर्ट नगीना ने आरोपी की टीबी की बीमारी को देखते हुए पर्सनल बांड पर छोड़ दिया था और जमानत तस्दीक करने के लिए समय दिया था। अधिवक्ता काशिफ नईम ने न्यायालय में बहस में यह भी कहा कि नगीना थाने का 1580 सिपाही ललित कुमार उनके मुवक्किल शहजाद से पहले से ही रंजिश रखता है और इसे बार बार फसाता रहता है इसी बिनाह पर जब शहजाद 7 फरवरी को कोटद्वार से नगीना जमानत तस्दीक कराने के लिए पहुंचा तो पुलिस ने चोरी की मोटरसाइकिल और अवैध चाकू की झूठी कहानी बनाकर उसे गिरफ्तार कर लिया और 9 फरवरी को आनन-फानन में शहजाद का चालान कर न्यायालय में रिमांड पेश किया। एसीजेएम नगीना आमोद कंठ ने रिमांड पर बहस सुनने के बाद अधिवक्ताओं के तर्कों से संतुष्ट होते हुए पुलिस द्वारा पेश किया गया रिमांड खारिज कर दिया और नगीना पुलिस के इस कारनामें पर कड़ी फटकार भी लगाई है।