भास्कर समाचार सेवा
नैनीताल। सरोवर नगरी में नैनी झील का जलस्तर अब दिन पर दिन कम होने लगा है। जबकि नवंबर माह में झील का जलस्तर 11 फीट के लगभग होना चाहिए था। लेकिन शनिवार को झील का जलस्तर 7 फीट 9 इंच लगभग है। झील सुपरवाइजर रमेश गौड़ा ने बताया इस वर्ष 7 सितंबर तक 1566 एमएम वर्षा हुई और उसके बाद 24 सितंबर तक कुल ढाई एम एम वर्षा हुई। और 24 सितंबर से शनिवार तक लगभग 1 एमएम भी वर्षा नहीं हुई जो चिंता का विषय है। वर्षा ऋतु के बंद होते ही झील में पानी की आवक भी कम हो गई है। और झील के स्रोत भी अधिकतर बंद है। जिस कारण झील में जलस्तर रोज 1 से 2 इंच कम होने लगा है। जबकि पिछले वर्ष से इस वर्ष झील का जलस्तर 2 फीट अधिक था उसके बावजूद भी लगातार ऐसे झील का जलस्तर गिरते जाना चिंता का विषय है। झील से प्रतिदिन 8 लाख लीटर से भी अधिक पानी की निकासी जल संस्थान द्वारा की जा रही है। और शीतकाल चल रहा है। जिसमें वर्षा और बर्फ होने पर झील का जलस्तर बढ़ने की उम्मीद है। अगर इस वर्ष बर्फबारी कई बार होती है। तो झील का जलस्तर संभव बढ़ेगा नैनी झील वर्षा और शीतकालीन के महीनों में वर्षा और बर्फ से होने से झील अपने पुराने स्वरूप में नजर आ सकती है। लेकिन नवंबर माह में लगातार झील का जलस्तर घट रहा है। आज से लगभग 20 वर्ष पूर्व झील 12 महीने लबालब भरी रहती थी। उसका मुख्य कारण था की वर्षा ऋतु के बाद ग्रीष्मकालीन ऋतु मैं भी वर्षा और बर्फ के पढ़ने से 12 महीने स्रोतों से पानी झील में लगाता रहता था। लेकिन लगभग पिछले 15 सालों से नैनीताल के अधिकतर श्रोते लगभग सूख गई है। जिस कारण झील पानी की आवक कम हो गई और निकासी ज्यादा हो गई नैनीताल में सिपाही धारा एक स्थान है। जहां तीन धाराएं 24 घंटे लगातार बह रही हैं। नैनी झील के गिरते झील स्तर को देखकर शहर के लोगों में भी अभी से चिंता बढ़ने लगी है।