नई दिल्ली: देश की राजधानी को महफूज रखने के लिए वाशिंगटन और मॉस्को की तरह मिसाइल शील्ड मिलेगी। इसका अर्थ ये है कि अगर कोई दुश्मन देश या आतंकी संगठन मिसाइल के जरिए दिल्ली को निशाना बनाता है तो उसे मुंह की खानी पड़ेगी। कोई भी नापाक संगठन या देश दिल्ली और उसके आस पास के इलाकों पर एयरक्रॉफ्ट, ड्रोन्स या मिसाइल से हमला नहीं कर पाएगा। दिल्ली पर हमला होने से पहले ही मिसाइल शील्ड तकनीक के जरिए दुश्मन देश की मिसाइल को हवा में ही नष्ट कर दिया जाएगा।
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्रालय पुरानी व्यवस्था में बदलाव पर विचार कर रहा है। इस संबंध में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेशनल एडवांस सर्फेस टू एयर मिसाइल सिस्टम-2 की खरीद पर मुहर लगा दी है। इस सिस्टम को करीब एक बिलियन डॉलर खर्च कर अमेरिका से खरीदा जाएगा।
इसके साथ ही दिल्ली एरिया एयर डिफेंस प्लान के तहत वीआईपी-89 एरिया पर खास ध्यान दिया जा रहा है। वीआईपी-89 एरिया में राष्ट्रपति भवन, संसद, नॉर्थ और साउथ ब्लॉक आते हैं। इसके तहत ये बदलाव किया जा रहा है कि आपातकालीन हालात में फैसले लेने में ज्यादा देरी न हो।
आखिर क्या है NASAMS-II
इस तकनीक में 3 डी सेंटीनेस रडार, शॉर्ट और मीडियम रेज की मिसाइल, लॉन्चर्स, फायर डिस्ट्रिब्युशन सेंटर के साथ साथ कमांड और कंट्रोल यूनिट है। इसेक जरिए अगर कोई देश मिसाइल से हमला बनाने की कोशिश करता है तो उसे ट्रैक और उसे मार गिराने में आसानी होगी। अमेरिका, रूस के साछ नेटो के कई सदस्य देश इस तकनीक के जरिए अपनी राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता कर चुके हैं। भारत अपने दम पर इस तरह की तकनीक को बनाने में जुटा हुआ है इस संबंध में तैयारी अंतिम चरण है। इस तकनीक के जरिए राजधानी दिल्ली के साथ साथ मुंबई को सुरक्षित बनाया जाएगा।