तीसरे मुल्कों का माल भारत मे खपाना नेपाल का मुख्य व्यापार..

रूपईडीहा/बहराइच। नेपाल के बड़े व्यापारी चीन, कोरिया, पाकिस्तान, इण्डोनेशिया, सिंगापुर, वियतनाम आदि तीसरे मुल्कों से कास्मेटिक आयटम, छुहारा, इलायची, सुपारी, कालीमिर्च व स्क्रेप आदि सामान नेपाल मंगवाते है। यह तीसरे देशों का माल भारत के कोलकाता, मुम्बई व गुजरात आदि के बंदरगाहों पर उतर कर भारतीय सड़क मार्ग से नेपाल पहुंचता है।

अन्तर्राष्ट्रीय शर्तो के अनुसार भारत नेपाल को तीसरे मुल्कों के इस माल को नेपाल पहुंचने के लिए अपने मार्ग पुराने जमाने से मुहैया कराता आ रहा है। नेपाल का व्यापारी चीन व कोरिया से कास्मेटिक आयटम, पाकिस्तान के छुहारे, इलायची इण्डोनेशिया की सुपारी, वियतनाम की कालीमिर्च व सिंगापुर आदि देशों से तांबे व स्टील की स्क्रेप मंगाते है। छुहारे, इलायची, कास्मेटिक आयटम, सुपारी व कालीमिर्च नेपाल सीमा से सटे भारतीय क्षेत्रों मे तस्करी कर भारत मे ही खपा रहे है। इण्डो नेपाल बार्डर पर स्थित दोनों देशों के सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी मे इन तीसरे मुल्कों के सामान की तस्करी सीमा सील होने के बावजूद जारी है।

गत 27 जून को ट्रक मे लदी स्टील स्क्रेप अपने आप मे इस कहानी को चरित्रार्थ कर रही है कि सीमावर्ती भारतीय कस्टम कर्मियों की सहमति से यह तीसरे मुल्क का स्क्रेप रूपईडीहा होकर मुम्बई कैसे जा रहा था। जानकार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्टील की फैक्ट्री दिल्ली और मुम्बई मे ही है। इस स्क्रेप की डिलेवरी के प्रपत्र बिजनौर के लिए बने थे। बिजनौर से इसे मुम्बई ही भेजा जाना था।

स्क्रेप नियमावली के अनुसार नेपाल से छोटे छोटे टुकड़े ही भारत मे भेजे जाने के नियम है। यदि इसे डिप्टी कमिश्नर कस्टम लखनऊ अपने संज्ञान मे न लेते तो इस गोरखधंधे का खुलासा नही होता। मिली जानकारी के अनुसार गत 20 मार्च को भी इसी प्रकार अवैध स्टील मटेरियल इसी कस्टम से पास होकर गंतब्य तक चला गया।