नई दिल्ली. । अगर आप भी मैगी के दिवाने हैं तो सावधान हो जाइए, क्योंकि फास्ट फूड बनाने वाली कंपनी नेस्ले ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह स्वीकार कर लिया कि उसकी मैगी में जहरीले सीसे (लेड) का अंश था। कोर्ट में इसे सुनवाई के दौरान कंपनी के वकीलों ने यह स्वीकारोक्ति की। इसलिए अब एक बार फिर नेस्ले की लड़ाई जोर पकड़ सकती है। कोर्ट ने गुरुवार को मैगी में लेड की मात्रा पाए जाने को लेकर एनसीडीआरसी के दर्ज मामले पर सुनवाई की।
सरकार ने नेस्ले से की थी 640 करोड़ रुपए की मांग
गौरतलब है कि स्वास्थ्य सुरक्षा के मानदंडों को पूरा न कर पाने पर पिछले साल नेस्ले कंपनी ने 550 टन की मात्रा में मैगी को नष्ट कर दिया था। इसके अलावा सरकार ने भी कंपनी से मुआवजे के तौर पर 640 करोड़ रुपए की भी मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट के जज ने सुनवाई के दौरान नेस्ले के वकील से कहा कि उन्हें लेड की मौजूदगी वाला नूडल क्यों खाना चाहिए। इस सवाल पर उन्होंने कहा था कि मैगी में लेड की मात्रा परमीसिबल सीमा के अंदर थी, जबकि अब स्वीकार कर रहे हैं कि मैगी में लेड था।
क्या है पूरा मामला
वर्ष 2015 में नेस्ले की मैगी में लेड की मात्रा 17.2 पीपीएम पाई गई जबकि यह 0.01 से 2.5 पीपीएम तक ही होनी चाहिए। उत्तर प्रदेश के फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने मैगी के सैंपल लिये और इसकी जांच कराई तो मैगी में लेड की मात्रा तय सीमा से ज्यादा मिली। इस मामले के बाद देश के कई राज्यों ने अपने यहां मैगी की ब्रिकी रोक दी। भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने भी मैगी को असुरक्षित बताते हुए कंपनी के सभी प्रोडक्ट्स की बिक्री पर रोक लगा दी। एफएसएसएआई ने उस समय कहा था कि नेस्ले ने अपने प्रोडक्ट्स पर मंजूरी लिये बिना और जोखिम-सुरक्षा आंकलन को मैगी ओट्स मसाला नूडल्स मार्केट में उतार दिया था जो कि कानूनी रूप से पूरी तरह अवैध है।
ज्यादा लेड से क्या होता है नुकसान
फूड सेफ्टी के नियमों के मुताबिक अगर प्रोडक्ट में लेड और मोनोसोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) का इस्तेमाल किया गया है तो पैकेट पर इसका जिक्र करना अनिवार्य है। एमएसजी से मुंह, सिर या गर्दन में जलन, स्किन एलर्जी, हाथ-पैर में कमजोरी, सिरदर्द और पेट की तकलीफें हो सकती हैं। डॉक्टरों के मुताबिक बहुत ज्यादा मात्रा में लेड का सेवन गंभीर स्वास्थ्य दिक्कतें पैदा कर सकता है। इससे न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें, खून के प्रवाह में समस्या और किडनी फेल होने तक की नौबत आ सकती है। लेड का ज्यादा सेवन बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक है। इससे उनके विकास में रुकावट आ सकती है, पेट दर्द, नर्व डैमेज और दूसरे अंगों को भी नुकसान पहुंच सकता है।