नयी दिल्ली : भारतीय सेना के लिए खुशखबरी है. करीब तीन दशक बाद भारतीय सेना में नई तोपें शामिल होने जा रही हैं. 9 नवंबर को महाराष्ट्र के देवलाली में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत एम-777 और के-9 वज्र तोप को आधिकारिक तौर पर सेना में शामिल करेंगे.
खास बात यह है कि भारतीय सेना के बेड़े में शामिल हो रहीं ये सभी तोपें मेक इन इंडिया के तहत तैयार की जा रही हैं. बता दें कि भारतीय सेना को 145 तोपों को मिलने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा गया है. फिलहाल सेना को इस समय 400 से भी ज्यादा तोपों की जरूरत है. इसमें वो आधुनिक तोपें शामिल हैं जिन्हें भारत-पाकिस्तान और चीन की सरहद पर तैनात किया जाएगा.
खबर है कि अल्ट्रा लाइट होवित्जर तोपों को भारत में चीन की सीमा के निकट और अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा.
इसके अलावा भारतीय सेना को 100 की संख्या में तोपें साउथ कोरिया दे रहा है. के-9 वज्र, 155 एमएम/52 कैलिबर की होवित्जर तोप है. इसे साउथ कोरिया भारतीय सेना को दे रहा है. इसीलिए मेक इन इंडिया के तहत एलएनटी कंपनी पार्टनरशिप के तहत 2019 नवंबर तक इसे तैयार करके दे रही है.
पहली तोप 10 नवंबर 2018 तक आनी है. इसके बाद 40 तोप 2019 के नवंबर महीने तक और उसके बाद 2020 तक भारतीय सेना को मिलेंगी.
साउथ कोरिया भी दे रहा तोप
के-9 वज्र, 155 एमएम/52 कैलिबर की होवित्जर तोप है. इसे साउथ कोरिया तैयार करके 100 की संख्या में भारतीय सेना को दे रहा है. इसीलिए मेक इन इंडिया के तहत एलएनटी कंपनी पार्टनरशिप के तहत 2019 नवंबर तक इसे तैयार करके दे रही है.
पहली तोप 10 नवंबर 2018 तक आनी है. इसके बाद 40 तोप 2019 के नवंबर महीने तक और उसके बाद 2020 तक भारतीय सेना को मिलेंगी.
भारतीय सेना के बेड़े में शामिल हो रही सभी तोपें मेक इन इंडिया के तहत तैयार की जा रही हैं. भारतीय सेना को 145 तोपों को मिलने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा गया है.
मई 2018 में धनुष 155/45 कैलिबर वाली तोप का यूजर ट्रायल पोखरण में हो चुका है. आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड को कहा गया है कि वह 114 तोपों को जल्द तैयार करके भारतीय सेना को सुपुर्द करे.