टीबी रोगियों को बेहतर पोषण सामग्री प्रदान करने के लिए निक्षय मित्र आ रहे आगे
भास्कर समाचार सेवा
मथुरा। भारत को टीबी मुक्त करने के लिए जनपद में सबका सहयोग मिल रहा है। एक ओर विभाग टीबी मरीजों को मुफ्त उपचार दे रहा है। वहीं दूसरी ओर टीबी रोगियों को बेहतर पोषकतत्व प्रदान करने के लिए सामाजिक, राजनैतिक, व्यापारिक सभी तरह के लोग निक्षय मित्र बनकर पोषण सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं। जनपद में 3007 टीबी के सक्रिय रोगियों का उपचार चल रहा है। इनमें से 2424 रोगियों को निक्षय मित्रों के द्वारा गोद लिया जा चुका है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय कुमार वर्मा ने बताया कि टीबी के रोगी को दवा के साथ-साथ बेहतर पोषक तत्व की आवश्यकता होती है। यदि उन्हें सही मात्रा में पोषकतत्व मिले और वह पूरा इलाज ले, तो रोगी जल्दी स्वस्थ हो सकते हैं। इसलिए वर्ष 2025 तक भारत को क्षय रोग से मुक्त करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी मिलकर टीबी रोगियों की सहायता का संकल्प लें और टीबी रोगियों को गोद लेने के लिए आगे आएं। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. संजीव यादव ने बताया कि निक्षय मित्र योजना टीबी से पीड़ित लोगों को गोद लेने की योजना है। इस योजना के तहत कोई भी स्वयंसेवी संस्था, औद्योगिक इकाई या संगठन राजनीतिक दल या कोई भी व्यक्ति टीबी मरीज को गोद ले सकता है। जनपद में 2424 टीबी रोगियों को गोद लिया जा चुका है। अन्य 350 रोगियों को विभिन्न टीबी यूनिट पर गोद लेने की प्रक्रिया चल रही है। जनपद के दो ब्लॉकों में टीबी मरीजों को गोद लेने वाले मंडोना रूरल डेवलपमेंट फाउंडेशन के लक्ष्मी कांत गौर ने कहा कि यह हम सभी का दायित्व है कि हम आगे बढ़कर आएं और क्षय रोगियों के उपचार में उनका पूर्ण सहयोग करें।
ऐसे बनें निक्षय मित्र
जिला समन्वयक आलोक तिवारी ने बताया कि निक्षय मित्र बनने वाले व्यक्ति या संस्था को कम से कम एक साल के लिए और अधिक से अधिक तीन साल के लिए किसी ब्लॉक या वार्ड या जिले के टीबी रोगियों को गोद लेकर उन्हें पोषण सम्बन्धी जरूरी मदद उपलब्ध करानी होती है। इस अभियान से जुड़ने के लिए निक्षय पोर्टल communitysupport.nikshay.in पर रजिस्टर किया जा सकता है। वर्तमान में जिले में 167 निक्षय मित्र हैं।