लखनऊ : बिजली बिल जमा न करने वालों की अब बत्ती काटी जाएगी। पावर कॉर्पोरेशन ने अप्रैल 2018 से बिल न जमा करने वाले 10 हजार रुपये से ऊपर के बकायेदारों के खिलाफ शनिवार से अभियान चलाकर कनेक्शन काटने के निर्देश दिए हैं।
फील्ड के अधिकारियों को 18 सितंबर तक बड़े पैमाने पर बकायेदारों के खिलाफ अभियान छेड़ने को कहा गया है। 1 वर्ष से अधिक समय से भुगतान न करने वाले 50 हजार रुपये से ज्यादा के बकाये वाले उपभोक्ताओं की बिजली काटने के साथ-साथ मीटर एवं केबल भी उतारने के निर्देश दिए गए हैं।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये समीक्षा के दौरान राजस्व वसूली की खराब स्थिति को देखते हुए प्रमुख सचिव ऊर्जा व पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष आलोक कुमार ने बकायेदारों पर सख्ती करने के निर्देश दिए। उन्होंने अफसरों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मौके पर बिजली काटी नहीं जा रही है और इसके फर्जी आंकड़े दिखाए जा रहे हैं। जहां सही ढंग से बकायेदारों की बिजली काटी जा रही है, वहां राजस्व वसूली भी ठीक है।
उदय योजना के निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि बकायेदारों के खिलाफ कनेक्शन काटने का अभियान चलाया जाए। उन्होंने इसकी ऑनलाइन मॉनिटरिंग पर जोर देते हुए कहा कि काटे गए कनेक्शनों का औचक निरीक्षण किया जाए।
कम राजस्व वसूली वाले क्षेत्रों के अफसरों को चार्जशीट
प्रमुख सचिव ने राजस्व वसूली के प्रति उदासीनता बरतने वाले अधिशासी अभियंताओं व उपखंड अधिकारियों को चेतावनी देते हुए बिजली कंपनियों के प्रबंधन से कहा है कि ऐसे अधिकारियों को चिह्नित करके चार्जशीट दी जाए। लाइन हानियां कम करने में बेहतर नतीजे न दे पाने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की संस्तुति करने को कहा गया है।
48 घंटे में खराब ट्रांसफार्मर न बदलने पर कार्रवाई
प्रमुख सचिव ने आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, हाथरस, बांदा, हमीरपुर, शाहजहांपुर, बदायूं आदि जिलों का उदाहरण देते हुए कहा इन जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मर 48 घंटे में नहीं बदले जा रहे हैं। बिजली कंपनियों के एमडी खुद इसकी मॉनिटरिंग करके व्यवस्था ठीक करें। जहां से इस तरह की शिकायतें आ रही हैं, वहां जांच कराई जाए और जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।