-उत्तराखण्ड में साढ़े तीन सौ अवैध मजारों पर चला बुलडोजर
-असम में जिहादियों की पनाहगाह बने मदरसे भी किए जमीदोज
-मध्यप्रदेश में कांवडिय़ो पर थूकने वालों पर बुलडोजर एक्शन
योगेश श्रीवास्तव
लखनऊ। मध्यप्रदेश उत्तराखंड के बाद अब यूपी का बुलडोजर एक्शन से हरियाणा में उपद्रवियों और दंगाइयों पर काबू पाया जा रहा है। हरियाणा के नूंह में हुई ङ्क्षहसा के बाद वहां के मुख्यमंत्री मनोहर खट्टïर ने यूपी के बुलडोजर एक्शन से सबक लेते हुए बिना देर किए वहां तेजी से आरोपियों के ठिकानों पर बुलडोजर चलवाना शुरू कर दिया है। इसके अलावा अराजक तत्वों से निपटने के बाकी कार्रवाई में योगी फार्मूला अपना रहे है। नूह में एक विशेष की समुदाय की अस्सी फीसदी आबादी है जिसने पूरे नूंह को हिंसा की आग में झोक दिया। मणिपुर की हिंसा को लेक र केन्द्र से राज्यों तक में विपक्ष का निशाना बनी भाजपा और दोनों राज्यों की डबल इंजन सरकार में हरियाणा की खट्टïर सरकार ने तत्काल बुलडोजर एक्शन के जरिए उपद्रवियों दंगाइयों को साफ यह संदेश दे दिया कि किसी को बक्शा नहीं जायेगा। हरियाणा कोई पहला राज्य नहीं है जहां यूपी का बुलडोजर एक्शन लागू किया जा रहा है। हाल में पड़ोसी राज्य में मध्यप्रदेश में एक आदिवासी के ऊपर भाजपा विधायक के प्रतिनिधि प्रवेश शुक्ला को न सिर्फ गिरफ्तार कर जेल भेजा गया बल्कि उसके घर पर भी बुलडोजर चला।
यही नहीं मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने आरोपी प्रवेश शुक्ला पर इस कार्रवाई के बाद पीडि़त को अपने आवास पर बुलवाया और उसके पांव धोकर प्रवेश शुक्ला के कृत्य के लिए माफी मांगी तथा भोजन कराने के साथ उसे पांच लाख की आर्थिक सहायता भी प्रदान की। इसके अलावा मध्यप्रदेश के उज्जैन में ही महाकाल की यात्रा के दौरान एक वर्ग विशेष के तीन लड़कों द्वारा यात्रा पर थूके जाने के बाद सीएम शिवराज चौहान ने बुलडोजर फार्मूला अप्लाई किया। उज्जैन के जिस टंकी चौक के पास यह वाक्या है वहां तीनों आरोपियों के घर बुलडोजर चलवाने से पहले वहां देशभक्ति के गीत भी बजवाये गये। हालांकि मध्यप्रदेश में इस तरह की कार्रवाई कोई नई नहीं थी इससे पूर्व रीवा में एक बलात्कार के आरोपी का घर भी बुलडोजर से नेस्तनाबूत क र दिया गया था।
यूपी में यदि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुलडोजर बाबा के रूप में सुर्खियां बटोर रहे है तो मध्यप्रदेश में सीएम शिवराज चौहान को अब बुलडोजर मामा के रूप में जान रहे है। यूपी के बुलडोजर एक्शन से नसीहत लेते हुए उत्तराखण्ड के सीएम पुष्कर धामी भी बुलडोजर एक्शन पर अमल कर रहे है। उन्होनें अपने राज्य में अपराधियों माफियाओं के अलावा निर्माणों और मजारों को ढहाने का अभियान चला रक्खा है। धामी सरकार का बुंलडोजर अब तक साढ़े तीन सौ से ज्यादा अवैध मजारों पर चल चुका है। उन्होंने उत्तराखण्ड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में आरोपी पुलकित आर्या के रिजार्ट पर भी बुलडोजर चलवा दिया था। मध्यप्रदेश उत्तरखंड से पहले असम में भी बुलडोजर एक्शन के जरिए ही वहां राष्टï्रविरोधी ताकतों को सबक सिखाया गया। असम के बोंगाइगांव जिले में एक मदरसे को ढहा दिया जिसके परिसर में कथित तौर पर जिहादी गतिविधियां चल रही थीं। अल-कायदा भारतीय उपमहाद्वीप और अंसार.उल.बांग्ला टीम से संबंध होने के संदेह में पिछले मदरसे के एक शिक्षक को गिरफ्तार किया था। मदरसे को तोडऩे के लिए बुलडोजर तैनात किए गए थे। मदरसे के परिसर में बने अन्य ढांचों को भी ढहा दिया गया। इसी तरह असम के ही बारपेटा जिले में एक मदरसे को ढहा दिया गया था। जिसमें कथित रूप से अंसार.उल.बांग्ला टीम के दो बांग्लादेशी सदस्य चार वर्ष से रह रहे थे।
बारपेटा पुलिस ने इस मामले में मदरसे के प्रिंसिपल एक शिक्षक और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया था। अपराधियों माफियाओं का साम्राज्य ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर एक्शन की कार्रवाई मुख्यमंत्री के रूप में यूपी में योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले कार्यकाल में शुरू की थी। दूसरे राज्यों को अवैध निर्माण ध्वस्त करने माफियाओं अपराधियों का साम्राज्य खत्म करने के लिए बुलडोजर मांडल बहुत रास आ रहा है। योगी ने अपने पहले मुख्यमंत्रित्वकाल में वर्ष 2020 में कानपुर देहात में बिकरू गांव में शातिर अपराधी विकास दुबे द्वारा नौ पुलिस कर्मियों को मौत के घाट उतारे जाने के बाद उसके बने भारी भरकम मकान के साथ उसकी लग्जरी गाडियों को बुलडोजर के जरिए ध्वस्त करा दिया था। उसके बाद इसी तरह की कार्रवाई माफि या अतीक अहमद उसके भाई अशरफ अहमद, मुख्तार अंसारी,हाजीयाकूब सहित विभिन्न जिलों में दुर्दात अपराधियों और भूमाफि याओं के खिलाफ की गई। बुलडोजर कार्रवाई का असर है कि अब अपराधी स्वयं गले में तख्तियां डालकर सरेंडर कर रहे है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी दूसरी पारी में बुलडोजर की रफ्तार और तेज कर दी है। दूसरी बार सत्तारूढ होने के बाद सें राजधानी लखनऊ सहित प्रयागराज रामपुर, सहारनपुर, चंदौली, नोएडा और कानपुर में बुलडोजर कार्रवाई में जहां तमाम अवैध निर्माण ध्वस्त कराये गये तो रामपुर में एक व्यक्ति जिसने ग्रामसमाज को भूमि पर अवैध निर्माण कराया था उसने स्वयं संबंधित अधिकारियों को पत्र देकर उक्त निर्माण को अवैध बताते हुए उसे ध्वस्त कराये जाने का आग्रह किया है।
अखिलेश भी चलवा चुके है
बुलडोजर सीएम योगी आदित्यनाथ से पहले यूपी में मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश यादव ने बिसवां के सपा विधायक रामपाल यादव के लखनऊ जियामऊ स्थित अर्धनिर्मित काम्पलेक्स और सीतापुर में वैदेही वाटिका स्थित उनके स्पर्श होटल को बुलडोजर से जमीदोज करा दिया था। रामपाल यादव को अखिलेश ने यह सजा इसलिए दी थी क्योकि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में उन्होने सपा के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ अपने पुत्र जितेन्द्र यादव को मैदान में उतार दिया था जो जीत भी गया और सपा के अधिकृत प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा।
बुलडोजर मंत्री के रूप में जाने गए बाबूलाल गौर
मध्यप्रदेश की तत्कालीन सुंदरलाल पटवा सरकार में नगरविकास मंत्री रहे बाबूलाल गौर जो बाद में मुख्यमंत्री भी बने। उन्होंने अपने कार्यकाल में अवैध निर्माणों का हटाने के लिए बुलडोजर चलवाने में कोई संकोच नहीं किया। वे जब भी निरीक्षण पर निकलते तो बुलडोजर साथ लेकर चलते थे। अतिक्रमण को हटाने के लिए उन्होंने बुलडोजर को अपना हथियार बना लिया था। विभागीय अधिकारियों को उनका निर्देश था बुलडोजर चलाओं अतिक्रमण हटाओं।