
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के एक और जिले का नाम बदलने की तैयारी हो रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया गया, फिर मुगलसराय जंक्शन का नाम पंडित दीनदयाल जंक्शन किया। अब बस्ती जिले का नाम बदलने की तैयारी शुरू हो गई है, जिसके लिए शासन स्तर पर भेजे गए प्रस्ताव पर मंथन चल रहा है। नाम बदले जाने पर एक करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
फैजाबाद का नाम अयोध्या करने के बाद बस्ती जिले का नाम बदलने को लेकर मांग तेज हो गई। बीते 28 नवंबर को पहली बार बस्ती जनपद का नाम बदलने का प्रस्ताव तैयार कर राजस्व परिषद को भेजा गया। इसके बाद राजस्व परिषद की ओर से नाम बदले जाने की स्थिति में होने वाले व्यय की जानकारी मांगी गई थी। खर्च आकलन कराने के बाद जिलाधिकारी ने मंडलायुक्त को रिपोर्ट दी और संशोधित प्रस्ताव के साथ मंडलायुक्त अनिल कुमार सागर ने राजस्व परिषद को भेज दिया है।
बस्ती के जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने कहाकि बस्ती जनपद का नाम बदले जाने का प्रस्ताव राजस्व परिषद को भेजा गया है। जिले का नाम बदले जाने की स्थिति में एक करोड़ रुपए व्यय भार आएगा।
एक साल पूर्व बस्ती महोत्सव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बस्ती मेडिकल कालेज का नाम महर्षि वशिष्ठ के नाम पर रखे जाने का ऐलान किया तो बस्ती जिले का नाम बदलने की मांग तेज हो गई। बस्ती जिले का नाम बदलकर वशिष्ठ नगर या वशिष्ठी करने के प्रस्ताव पर शासन स्तर पर मंथन अंतिम दौर में है। सांसद व विधायक भी बस्ती का नाम वशिष्ठ नगर करने की मांग कर चुके हैं। हरैंया विधायक अजय सिंह ने फरवरी 2018 में मुख्यमंत्री को प़त्र लिखकर बस्ती का नाम वशिष्ठ नगर करने की माग की थी। और लगातार इसकी मांग करते रहे हैं।
भगवान राम के गुरु महर्षि वशिष्ठ से ही बस्ती की पहचान है। बस्ती के मखौड़ा धाम में ही राजा दशरथ ने पुत्रेष्ठि यज्ञ की थी।