भारत में 5 अक्टूबर से शुरू हो रहे वनडे वर्ल्ड कप के लिए 15 मेंबर्स वाली टीम इंडिया का ऐलान कर दिया गया है। रोहित शर्मा की कप्तानी वाली मेजबान टीम घरेलू मैदानों पर ट्रॉफी जीतने की दावेदार बताई जा रही है। हालांकि दुनिया की बाकी टीमों की तरह टीम इंडिया की भी अपनी खूबी और खामी है। इस स्टोरी में हम भारतीय दल की 4 खूबियां और 3 खामियां जानेंगे।
पहली खूबीः दुनिया का सबसे दमदार टॉप ऑर्डर
कप्तान रोहित शर्मा, शुभमन गिल और विराट कोहली भारत का टॉप ऑर्डर यानी टॉप-3 बनाते हैं। इनके नाम कंबाइंड रूप से 24 हजार से ज्यादा वनडे रन और शतक हैं। विराट ने 46, रोहित ने 30 और गिल ने 4 शतक जमाए हैं। इतने शतक वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने वाली किसी भी टीम के टॉप ऑर्डर के नाम नहीं हैं।
दूसरी खूबीः दुनिया के टॉप-10 में शामिल दो गेंदबाज भारतीय
इस समय ICC वनडे रैंकिंग में टॉप-10 गेंदबाजों में से दो भारतीय टीम में हैं। मोहम्मद सिराज 670 अंकों के साथ चौथे स्थान पर हैं। वहीं, कुलदीप यादव 622 अंकों के साथ 10वें स्थान पर है। इस समय ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के अलावा कोई और ऐसी टीम नहीं है जिसके दो गेंदबाज रैंकिंग में टॉप-10 में शामिल हो। इनके अलावा टीम में शामिल मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह काफी अनुभवी हैं।
तीसरी खूबीः तीन लेफ्ट हैंडर बल्लेबाज मौजूद
भारतीय टीम में ईशान किशन, रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल के रूप में तीन ऐसे खिलाड़ी हैं जो लेफ्ट हैंडर बल्लेबाज हैं। इनकी मौजूदगी से भारतीय टीम परिस्थितियों के हिसाब से मिडिल और लोअर मिडिल ऑर्डर में अच्छा लेफ्ट-राइट कॉम्बिनेशन बना सकती है।
पहली खामी- मिडिल ऑर्डर लय में नहीं
मिडिल ऑर्डर में श्रेयस अय्यर, केएल राहुल, सूर्यकुमार यादव मौजूद हैं। इनके अलावा ईशान किशन के भी मिडिल ऑर्डर में खेलने की उम्मीद है। कागज पर ये सभी खिलाड़ी दमदार लगते हैं, लेकिन फिलहाल इनमें से ज्यादातर इंजरी और खराब फिटनेस से जूझते रहे हैं।
सूर्या 26 वनडे खेल चुके हैं, लेकिन उनका औसत 25 से भी कम है। अय्यर का औसत 40 से ऊपर का है, लेकिन वे लंबे समय तक इंजर्ड रहने के बाद वापसी कर रहे हैं। वहीं, केएल राहुल भी इंजरी से उबर रहे हैं और वे एशिया कप के पहले दो मैचों के लिए उपलब्ध नहीं थे। ईशान किशन ने पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप मैच में जरूर 82 रन की पारी खेली, लेकिन उनका मिडिल ऑर्डर में अनुभव काफी कम है।
दूसरी खामी- टीम में कोई भी लेफ्ट आर्म पेस बॉलर नहीं
वनडे क्रिकेट में जिस टीम के पास अच्छा लेफ्ट आर्म पेस गेंदबाज होता है वह टीम पावरप्ले में अच्छी गेंदबाजी करती है। पाकिस्तान के शाहीन शाह अफरीदी और ऑस्ट्रेलिया के मिचेल स्टार्क इसके बेहतरीन उदाहरण हैं। भारत ने 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप और 2011 में वनडे वर्ल्ड कप जीता था। तब भारत के पास इरफान पठान और जहीर खान जैसे उम्दा लेफ्ट आर्म पेसर थे। भारत की मौजूदा वर्ल्ड कप टीम में एक भी लेफ्ट आर्म पेसर नहीं है।
तीसरी खामीः कोई ऑफ स्पिनर नहीं, कोई प्रॉपर लेग स्पिनर भी नहीं
जब प्रतिद्वंद्वी टीम में कई लेफ्ट आर्म बल्लेबाज होते हैं तो आपके पास मौजूद ऑफ स्पिनर काफी अहम हो जाता है। ऑफ स्पिनर की गेंद लेफ्ट हैंडर बैटर को छकाने में ज्यादा कामयाब होती है। भारतीय टीम में एक भी ऑफ स्पिनर नहीं है। आजकल व्हाइट बॉल क्रिकेट में लेग स्पिनर (राइट हैंड लेग ब्रेक बॉलर) की भूमिका भी काफी बढ़ी है। भारतीय टीम में कोई लेग स्पिनर भी नहीं है। कुलदीप यादव जरूर एक रिस्ट स्पिनर हैं, लेकिन वे लेफ्ट हैंड रिस्ट स्पिनर हैं।
चौथी खामीः टीम का लोअर ऑर्डर बेहद कमजोर
इंग्लैंड इस समय मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन है। इंग्लैंड टीम की प्लेइंग-11 में शामिल सभी 11 खिलाड़ी थोड़ी-बहुत बैटिंग कर लेते हैं। किसी मैच में टीम के ऊपरी क्रम के बल्लेबाज फेल भी हो जाते हैं तो उसके लोअर ऑर्डर बल्लेबाज मोर्चा संभाल लेते हैं। ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका के लोअर ऑर्डर खिलाड़ी बल्लेबाजी की क्षमता रखते हैं। भारतीय टीम के साथ ऐसा नहीं है। नंबर 9 से नंबर-11 तक के लिए भारत के पास कुलदीप यादव, मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज जैसे विकल्प हैं। ये सभी गेंदबाज तो अच्छे हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर इनसे रन बनाने की उम्मीद रखना बेमानी होगी। इनमें से किसी का भी बैटिंग रिकॉर्ड अच्छा नहीं है।