इंजीनियरिंग की प्राचीन कॉलेज – भले ही इस क्षेत्र में नौकरियों की भारी कमी हो लेकिन फिर भी छात्र इसी में अपना करियर बनाने की सोचते हैं। हम बात कर रहे हैं इंजीनियरिंग की।
आप भी जानते हैं कि आज दस में से 6 छात्र इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे होते हैं या करना चाहते हैं। हालांकि, इस क्षेत्र में नौकरियों की भारी कमी है, वहीं कंपिनयों का कहना है कि उन्हें काबिल कैंडिडेट नहीं मिलते।
वैसे तो इंजीनियरिंग के लिए सबसे पहले आईआईटी का नाम आता है लेकिन आज हम आपको देश के सबसे पुराने इंजीनियरिंग की प्राचीन कॉलेज के बारे में बताने जा रहे हैं। इनकी सबसे खास बात ये है कि इनकी स्थापना भारत की आजादी से भी पहले हुई थी।
इंजीनियरिंग की प्राचीन कॉलेज –
1 – इंजीनियरिंग कॉलेज, गिंडी, चेन्नई
इस कॉलेज की स्थापना सन् 1794 में की गई थी और यह 1794 में सर्वेक्षण के स्कूल के रूप में शुरु हुआ था। मद्रास विश्वविद्यालय के तहत 1859 में एक कॉलेज के रूप में इसे स्थापित किया गया था।
2 – भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुडकी
इसे आईआईटी के नाम से भी जाना जाता है। सबसे पहले इसकी स्थापना 1847 में की गई थी। पूर्व में रुडकी विश्वविद्यालय, थॉमस कॉलेज ऑफ सिविल इंजीनियरिंग, रुडकी सिविल इंजीनियरिंग कॉलेज के नामों से जाना गया। तत्कालीन लेफ्टिनेंट गवर्नर सर जेम्स थॉमसन द्वारा ब्रिटिश भारत में 1847 में स्थापित इसे 1949 में यूनिवर्सिटी बनाया गया और साल 2001 में इसे आईआईटी का नाम दिया गया।
3 – इंजीनियरिंग कॉलेज पुणे
पुणे को एजुकेशन हब कहा जाता है। यहां पर देश के सबसे नामी और प्राचीन कॉलजे स्थापित हैं जिनमें से एक है इंजीनियरिंग कॉलेज। इसकी स्थापना सन् 1854 में की गई थी। सन् 1854 में पूना इंजीनियरिंग क्लास और मैकेनिकल स्कूल लोक निर्माण विभाग के अधीनस्थ अधिकारियों को उपयुक्त शिक्षा देने के लिए खोला गया था। ये कॉलेज 1866 में बॉम्बे यूनिवर्सिटी से संबद्ध था। साल 2003 में कॉलेज को स्वायत्त स्थिति मिली और इस तरह इसे अपने पाठ्यक्रम को स्थापित करने और अपने वित्त का प्रबंधन करने की अनुमति मिली।
4 – भारतीय विज्ञान संस्थान और प्रौद्योगिकी संस्थान, शिबपुर
1856 में कलकत्ता सिविल इंजीनियंगर कॉलेज के रूप में इसकी स्थापना की गई थी। ये राइटर्स बिल्डिंग में स्थित है। 1880 में संस्थान बिशप कॉलेज के परिसर में शिबपुर, हावड़ा में अपने वर्तमान परिसर में स्थानांतरिक हो गया। 1920 में यूनिवर्सिटी का नाम बदलकर बंगाल इंजीनियरिंग कॉलेज रख दिया गया। 1992 में संस्थान डीम्ड यूनिवर्सिटी की स्थिति प्राप्त की। 2004 में पूर्ण विश्वविद्यालय में बदल गया और इसका नाम बदलकर बंगाल इंजीनियरिंग और विज्ञान विश्वविद्यालय, शिबपुर रखा गया।
5 – मुंबई विश्वविद्यालय
मायानगरी मुंबई में स्थित मुंबई विश्वविद्यालय की स्थापना 1857 में की गई थी। ये भारत के पहले तीन राज्य विश्वविद्यालयों में से एक है और महाराष्ट्र में सबसे पुराना है। अन्य दो मद्रास यूनिवर्सिटी है और दूसरी कलकत्ता यूनिवर्सिटी। इस संबद्ध कॉलेजो के माध्यम से इंजीनियरिंग की डिग्री दी जाती है।
ये है इंजीनियरिंग की प्राचीन कॉलेज – अब तो आप जान गए ना कि देश के सबसे प्राचीन इंजीनियरिंग कॉलेज कौन-से हैं। अगर आप यहां से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हैं तो हो सकता है कि आपको अच्छी जगह प्लेसमेंट मिल जाए और आपका भविष्य संवर जाएं और नौकरी ढूंढने में आपको कोई दिक्कत ना आए।