ओमीक्रोन के नए BA.2 वैरिएंट ने बढ़ाई टेंशन, जानिए क्या बोले एक्सपर्ट

भारत में ओमिक्रोंन के पीक को गुजरा हुआ माना जा रहा है। परंतु इसके नए वेरिएंट BA.2 के आने की आशंका है। जैसा कि हम जानते हैं कोरोना के सबसे आम लक्षण सर्दी ,खांसी और बुखार जैसे ही रहे हैं । कोरोना के सेकंड वेव में हमें सबसे ज्यादा हानि पहुंची है । ओमिक्रोंन में भी इसका काफी असर दिखाई पड़ा। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि ओमिक्रोंन का यह नया वेरिएंट किस प्रकार का है ? इसके लक्षण क्या है? और क्या यह कोरोना के सेकंड वेव जीतना खतरनाक हो सकता है?

वैज्ञानिकों का कहना है कि BA.2 स्ट्रेन ओमिक्रॉन के मूल वेरिएंट की तुलना में कई गुना तेजी से फैलता है। इस नए वेरिएंट के रूप ने सरकार के साथ-साथ वैज्ञानिकों की चिंता भी बढ़ा दी है।

आरटीपीसीआर में नहीं आ रहा पकड़
कोरोना का नया वेरिएंट BA.2 की स्ट्रेन संरचना इतनी अलग है की यह आरटीपीसीआर रिपोर्ट में भी पकड़ नहीं आ रहा। वैज्ञानिकों और परीक्षणों का कहना है कि यह सबसे खतरनाक वैरीअंट हो सकता है और सबसे तेजी से फैलने वाला भी संक्रमण की रफ्तार इस वेरिएंट में कोविड सेकंड वेव के तुलना से अधिक हो सकती है। इस नए वेरिएंट को स्टील्थ वेरिएंट’ के रूप में भी जाना जाता है। इसका कारण यह है की ये थर्मो फिशर आरटी-पीसीआर किट की तरह ही व्यवहार कर रहा है, जो डेल्टा वेरिएंट में होता था।

Who का क्या है कहना
WHO का कहना है कि ये नया वेरिएंट भारत, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन और डेनमार्क के हालिया डेटा के अनुसार अधिक तेज गति से फैल रहा है। BA.2 के मामले इन देशों मे तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके लक्षण की बात करें तो एक्सपर्ट्स के अनुसार, कोरोना के हर वेरिएंट के लक्षण पहले की तुलना में अलग होते हैं।

एक मार्कर जिसने पीसीआर परीक्षणों पर अन्य SARS-CoV-2 वेरिएंट से Omicron (BA.1) को अलग करने में मदद की, वह S जीन की अनुपस्थिति है, जिसे “S जीन लक्ष्य विफलता” के रूप में जाना जाता है। लेकिन BA.2 के मामले में ऐसा नहीं है।

इस तरह से इस वंश का पता लगाने में असमर्थता ने कुछ लोगों को इसे “चुपके उप-संस्करण” के रूप में लेबल करने के लिए प्रेरित किया है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम पीसीआर परीक्षणों के साथ बीए.2 का निदान नहीं कर सकते। इसका सीधा सा मतलब है कि जब कोई SARS-CoV-2 के लिए सकारात्मक परीक्षण करता है, तो हमें जीनोम अनुक्रमण के माध्यम से यह जानने में थोड़ा अधिक समय लगेगा कि कौन सा संस्करण जिम्मेदार है। पिछले वेरिएंट के साथ भी ऐसा ही था।

क्या है अलग

एक तरीका जिसने पीसीआर परीक्षणों पर अन्य SARS-CoV-2 वेरिएंट से Omicron (BA.1) को अलग करने में मदद की वह S जीन की अनुपस्थिति है। लेकिन BA.2 के मामले में ऐसा नहीं है।

इस तरह से इस वेरिएंट का पता लगाने में असमर्थता ने कुछ लोगों को इसे इसी पुराने वेरिएंट की कॉपी समझना शुरू कर दीया जब की ऐसा बिल्कुल नहीं है। परंतु अब हमें किसी भी मरीज को इलाज करने से पूर्व यह जानना जरूरी है की कोरोना के कौन से स्ट्रेन से वह संक्रमित है।

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