जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारियों के साथ राजस्व कार्यो, निस्तारण व राजस्व वसूली की समीक्षा करी

सप्ताह में एक बार स्वयं उप जिलाधिकारी एवं सप्ताह में 02 बार तहसीलदार क्षेत्र में जाकर बड़े बकायेदारों से स्वयं बकाया की धनराशि की वसूली करें:– जिलाधिकारी

भास्कर समाचार सेवा

मैनपुरी – जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने उप जिलाधिकारियों के साथ राजस्व कार्यो, विभिन्न धाराओं के वादों के निस्तारण, राजस्व वसूली की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी तहसीलों में विभिन्न देयों की वसूली की प्रगति ठीक नहीं है, उप जिलाधिकारियों, तहसीलदारों द्वारा आमीनवार की जा रही वसूली की साप्ताहिक रूप से समीक्षा भी नहीं की जा रही है। उन्होंने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि उप जिलाधिकारी सप्ताह में 02 बार अमीनों के साथ वसूली की समीक्षा कर फोटोग्राफ्स उपलब्ध कराएं, सप्ताह में एक बार स्वयं उप जिलाधिकारी एवं सप्ताह में 02 बार तहसीलदार क्षेत्र में जाकर बड़े बकायेदारों से स्वयं बकाया की धनराशि की वसूली करें। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पूवर् में भी इस प्रकार के निर्देश निगर्त किए गए थे। इसके बावजूद भी उप जिलाधिकारियों, तहसीलदारों द्वारा वसूली में कोई रुचि नहीं ली जा रही है यदि किसी के द्वारा निदर्ेशों की अवहेलना की गई और क्षेत्र में जाकर वसूली नहीं की गई तो संबंधित को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी।
         श्री सिंह ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि धारा-24, धारा-34 के वाद तहसीलों में निस्तारित नहीं किए जा रहे हैं, धारा-24 के वाद भी 05 वषर् से अधिक समय से लंबित हैं। उन्होंने उप जिलाधिकारियों, तहसीलदारों से कहा कि बेदखली के वाद प्राथमिकता पर निबटाएं जाएं, बेदखली की कायर्वाही लेखपाल के भरोसे न छोड़े बल्कि बेदखली के प्रकरण में नायब तहसीलदार, तहसीलदार पुलिस के साथ मौके पर उपस्थित रहकर बेदखली की कायर्वाही कराएं, उप जिलाधिकारी नेतृत्व देकर बेदखली की कायर्वाही करें, बेदखली की कायर्वाही से पूर्व, बेदखली के कायर्वाही के उपरांत के फोटोग्राफ्स पत्रावली में रखे जाएं, बेदखली के उपरांत क्षतिपूर्ति की वसूली भी की जाए, साप्ताहिक रूप से धारा-24 के वाद निपटाए जाएं। उन्होंने कहा कि सावर्जनिक, ग्राम सभा की भूमि से अनाधिकृत कब्जा हटवाने की जिम्मेदारी राजस्व विभाग के अधिकारियों, कमर्चारियों की है, जहां-जहां सावर्जनिक भूमि पर अनाधिकृत कब्जे है, उन्हें तत्काल हटवाया जाए। उन्होंने कहा कि धारा-34 के 910 वाद तहसील मैनपुरी में, 1083 तहसील भोगांव में, 454 तहसील कुरावली में, 652 तहसील करहल में, 475 तहसील घिरोर में लंबित हैं, धारा-24 के भी वाद बड़ी संख्या में समस्त तहसीलों में अनिस्तारित हैं।
          जिलाधिकारी ने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि किसी भी उप जिलाधिकारी, तहसीलदार द्वारा बकाया की राशि की वसूली में कोई रुचि नहीं ली जा रही है, अमीनों द्वारा भी निधार्रित मानक के अनुसार वसूली नहीं की जा रही है, सभी तहसीलों में विभिन्न मदों में वसूली की प्रगति बेहद निराशाजनक है, उप जिलाधिकारी, तहसीलदार नेतृत्व देकर वसूली की प्रगति सुधारें, लंबित आरसी की वसूली प्राथमिकता पर की जाए। उन्होंने कहा कि कृषि आवंटन पट्टों के लक्ष्यों की पूर्ति किसी भी तहसील द्वारा नहीं की गई है, तत्काल भूमिहीनों को कृषि पट्टा आवंटन कर लक्ष्य की पूर्ति करें। उन्होंने कहा कि जनता को समस्याओं से निजात दिलाने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है, मूल-भूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराना विभिन्न विभागों का उत्तरदायित्व है, इसमें किसी भी स्तर पर कोताही न बरती जाए।
       बैठक में अपर जिलाधिकारी राम जी मिश्र, उप जिलाधिकारी सदर, भोगांव, करहल, किशनी, कुरावली, घिरोर, नवोदिता शर्मा, अंजली सिंह, गोपाल शर्मा, आर.एन. वर्मा, युगन्तर त्रिपाठी, शिव नारायण, राजस्व अधिकारी नरेंद्र कुमार, डिप्टी कलेक्टर वीरेन्द्र कुमार मित्तल, नितिन कुमार, समस्त तहसीलदार, प्रशासनिक अधिकारी हरेंद्र सिंह आदि उपस्थित रहे।

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