लखनऊ ; राजधानी में स्वाइन फ्लू ने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। केजीएमयू में भर्ती स्वाइन फ्लू के मरीज की बृहस्पतिवार को मौत हो गई। वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर था। स्वाइन फ्लू से प्रदेश में इस सीजन में पहली मौत से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। वहीं, पीजीआई के एक कर्मचारी और उसके दो बच्चो में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है।
लखीमपुर खीरी का रहने वाला 25 वर्षीय युवक दुबई में काम करता था। दुबई में ही उसे बुखार और सांस की शिकायत हुई तो 12 दिन पहले वह घर लौट आया। यहां परिवारीजनों ने उसे सहारा हास्पिटल में भर्ती कराया। हालत बिगड़ने पर सोमवार को उसे केजीएमयू के लारी कार्डियोलॉजी में भर्ती किया गया। लॉरी के डॉक्टरों ने मेडिसिन की टीम से संपर्क किया तो डॉक्टरों ने स्वाइन फ्लू की जांच कराई। बीमारी की पुष्टि होने पर इलाज शुरू हुआ।
डॉ. केके गुप्ता मरीज का इलाज कर रहे थे। मरीज को सांस की तकलीफ काफी बढ़ चुकी थी और ब्लड प्रेशर भी गिर रहा था। डॉक्टरों ने मरीज को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रख दिया लेकिन बृहस्पतिवार सुबह उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों का कहना है कि मरीज को बुखार व सांस लेने में तकलीफ दुबई में हुई थी। आशंका है कि उसे स्वाइन फ्लू का संक्रमण वहीं से हुआ होगा। केजीएमयू मीडिया सेल के प्रभारी डॉ. संतोष कुमार ने बताया केजीएमयू में स्वाइन फ्लू का इस वर्ष का यह पहला केस है।
घर पर ही चल रहा तीनों का इलाज
स्वाइन इन्फ्लूएंजा एक संक्रामक सांस की बिमारी है जो कि सामान्य रूप से केवल सूअरों को प्रभावित करती हैं। यह आमतौर पर स्वाइन इन्फलूएंजा ए वायर के H1N1 स्ट्रेंस के कारण होता है। हालांकि इंसानों में स्वाइन फ्लू होना सामान्य नहीं है, मानवीय संक्रमण कभी-भी होते हैं। यह तभी होते हैं जब इंसान संक्रमित सूअरों के संपर्क में आता है।
स्वाइन फ्लू के लक्ष्ण
सुस्ती
बुखार
खांसी
सांस लेने में परेशानी