स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा एक नाम ‘धरती आबा’ बिरसा मुण्डा का है, जो एक भारतीय आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी और मुंडा जनजाति के लोक नायक थे-मुख्य विकास अधिकारी

भास्कर समाचार सेवा

बिजनौर।मुख्य विकास अधिकारी पूर्ण बोरा ने कहा कि देश देश को आजाद करने में हजारों वीर एवं वीरांगनाओं ने अपने प्राणों का बलिदान दिया जिसके परिणाम स्वरूप आज हम स्वतंत्रता के वातावरण में सांसें ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा एक नाम बिरसा मुण्डा का है, जो एक भारतीय आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी और मुंडा जनजाति के लोक नायक थे। उन्होंने ब्रिटिश राज के दौरान 19वीं शताब्दी के अंत में बंगाल प्रेसीडेंसी में हुए एक आदिवासी धार्मिक सहस्राब्दी आंदोलन का नेतृत्व किया, जिससे वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गए। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा को भारत के आदिवासी भगवान मानते हैं और उन्हें ‘धरती आबा’ के नाम से भी जाना जाता है।मुख्य विकास अधिकारी श्री बोरा आज विकासखंड कोतवाली के ग्राम बमनोला में आयोजित बिरसा मुंडा के जन्म दिवस पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।उन्होंने बताया कि ‘धरती आबा’ बिरसा मुंडा का उदय 1857 के दो दशक बाद हुआ। खूंटी के उलिहातू में 15 नवंबर 1875 को बिरसा मुंडा का जन्म हुआ। बिरसा की प्रारंभिक शिक्षा चाईबासा के जर्मन मिशन स्कूल में हुई। पढ़ाई के दौरान ही बिरसा की क्रांतिकारी तेवर का पता चलने लगा। उन्होंने बताया कि जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए बलिदान बलिदान देने के लिए प्रेरित किया। बिरसा मुंडा का पूरा आंदोलन 1895 से लेकर 1900 तक चला। इसमें भी 1899 दिसंबर के अंतिम सप्ताह से लेकर जनवरी के अंत तक काफी तीव्र रहा। पहली गिरफ्तारी अगस्त 1895 में बंदगांव से हुई। बिरसा मुंडा सही मायने में पराक्रम और सामाजिक जागरण के धरातल पर तत्कालीन युग के एकलव्य और स्वामी विवेकानंद थे। बिरसा मुंडा की गणना महान देशभक्तों में की जाती है। ब्रिटिश हुकूमत ने इसे खतरे का संकेत समझकर बिरसा मुंडा को गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया। वहां अंग्रेजों ने उन्हें धीमा जहर दिया था। जिस कारण वे 9 जून 1900 को शहीद हो गए।इस अवसर पर जिला समाज कल्याण अधिकारी जागेश्वर सिंह, खंड विकास अधिकारी कोतवाली सहित अन्य अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि गण मौजूद थे।

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