उ०प्र० के सभी जनपदों में सेवा बहाल,सिर्फ राजधानी में बगैर आदेश बंद की गयी आनलाइन सुविधा
लखनऊ। राजधानी के भवन स्वामियों को संपत्ति पर अपना स्वामित्व बरकरार रखने के लिये हाउस टैक्स नियमित रूप से जमा करना अनिवार्य है।हाउस टैक्स सड़कों,सीवर सिस्टम, कॉमन लाइटिंग और पार्क जैसी सेवाओं के रखरखाव के लिए लगाया जाता है।हाउस टैक्स जमा करने वाले भवन स्वामियों को जुलाई वर्ष 2022 के पहले अपना हाउस टैक्स जमा करने के लिये खासी जहमत उठानी पड़ती थी।लोगों को नगरनिगम के जोन कार्यालयों की हाउस टैक्स विंडो पर घंटों कतारों में खड़े रह कर अपनी बारी आने का इंतजार करना पड़ता था और अधिकारियों की सीनाजोरी भी झेलनी पड़ती थी लेकिन तत्कालीन महापौर संयुक्ता भाटिया के कार्यकाल के दौरान आनलाइन हाउस टैक्स असेसमेंट की शुरुआत की गयी और इसे शासन के आदेश पर पूरे उत्तरप्रदेश में लागू किया गया।इस सुविधा से नागरिकों को घर बैठे अपने नवनिर्मित घर का आकलन करने और ऑनलाइन फॉर्म भरने के साथ साथ हाउस टैक्स जमा करने की भी सुविधा थी।आनलाइन आवेदन की प्रक्रिया में गलत सूचना भरने वाले पर चार गुना ज्यादा दण्ड का प्राविधान रखा गया था।2022 से पहले हाउस टैक्स असेसमेंट के नाम पर नगर निगम के अधिकारियों की सांठगांठ से बड़े स्तर पर वसूली होती थी।पहले हाउस टैक्स वास्तविक टैक्स से अधिक बताया जाता था फिर उसको कम करने के नाम पर कमीशन खोरी का खेल खेला जाता था लेकिन इस व्यवस्था के बाद हाउस प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी होने का दावा किया गया था लेकिन अब पिछले कुछ दिनो से इस दावे पर सवाल उठने लगे हैं।
एक महीने से बन्द पड़ी आनलाइन सुविधा ,टैक्स दाता जोन के काट रहे चक्कर
जुलाई 2022 के पहले का वही नजारा एक बार फिर शहर के जोनों में दिखाई पड़ रहा है।जोन की टैक्स विंडो से लेकर गृह कर अधिकारियों के आगे पीछे टैक्स दाता दौड़ते और मिन्नतें करते दिखाई पड़ रहे हैं। शासन की सहमति के बगैर आनलाइन सुविधा का पिछले लगभग एक महीने से बंद होना एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।फिलहाल कर दाताओं को आनलाइन की सुविधा बंद होने का खामियाजा भले ही भुगतना पड़ रहा हो लेकिन अधिकारियों के पौबारह जरूर हो रहे हैं।
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह से पूछे जाने पर उन्होंने ने बताया कि मेंटिनेंस की वजह से लोगों को आनलाइन की सुविधा नहीं मिल पा रही है,आगामी पंद्रह दिनों में मेंटीनेंस का काम पूर्ण कर लिया जाएगा।