नामी गिरामी स्कूलों में लगीं बसों की ही ’फिटनेस’ नहीं’

खुद एआरटीओ ने जिलाधिकारी के सामने रखे आंकड़े

ऑटो, टेम्पो, टिर्री नहीं ढो सकतीं स्कूली बच्चे

भास्कर समाचार सेवा

मथुरा। नामी गिरामी स्कूलों में लगी बसें फिट नहीं है। यह सच खुद एआरटीओ ने जिलाधिकारी के सामने रखा। एआरटीओ राजेश राजपूत ने जिलाधिकारी शैलेन्द्र सिंह को अवगत कराया कि कान्हा माखन स्कूल के 16, माउंट हिल स्कूल के 11, जसवंत सिंह भदौरिया स्कूल के छह, राजीव इंटरनेशनल स्कूल के पांच, विद्या सागर स्कूल के पांच, समविद गुरुकुलम स्कूल के पांच, श्री रतिराम महाविद्यालय की चार, संदीप पंडित हुकुम सिंह राधे लाल स्कूल के चार, देल्ही पब्लिक स्कूल की चार, सेंट पॉल्स स्कूल के तीन, रतन लाल फूल कटोरी की तीन तथा रासिंग स्टार इंटरनेशनल स्कूल की तीन बसें हैं, जिनके वाहनों की फिटनेस, परमिट समाप्त है। जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में विद्यालय यान परिवहन सुरक्षा समिति की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा विद्यालय में पंजीकृत समस्त वाहनों के फिटनेस एवं परमिट अपडेट कराने के लिए समस्त प्रबंधकों, प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए गए। साथ ही विद्यालय के नाम तथा मानक के अनुरूप पंजीकृत वाहनों से ही बच्चों को लाने व ले जाने का कार्य किया जाये। जनपद के समस्त विद्यालयों में नोडल अध्यापक एवं समस्त कक्षाओं में एक विद्यार्थी को रोड सेफ्टी कैप्टन के रूप में नामित कर छात्र, छात्राओं को प्रतिदिन सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में जानकरी दिये जाने के साथ साथ परिवहन विभाग को विद्यालयवार नामित नोडल अध्यापकों की सूची उपलब्ध कराई जाये। बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि सभी अपनी बसों की फिटनेस, परमिट अनिवार्य रूप से करा लें, अन्यथा की दशा में कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

गांव देहात में स्थिति ज्यादा खराब

गांव देहात में खुले स्कूलों में बडी संख्या में बसें बच्चों को लाने ले जाने के लिए लगी हैं। यहां विभागीय चैकिंग भी बेहद कम होती है। अभिभावक भी ज्यादा पढे लिखे नहीं होते हैं। आर्थिक रूप से भी अभिभावक ज्यादा सशक्त नहीं होते ऐसे में वह जानते बूझते हुए भी ज्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं होते हैं। यहां कई बार न केवल बस अनफिट होती है बल्कि चालक भी अनफिट होते हैं।

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