चेयरमैन आबिद अंसारी का कारनामा, नगर के विकास लिए आए करोड़ो रूपये डकारे 

शहजाद अंसारी

बिजनौर। बढ़ापुर नगर पंचायत के चेयरमैन आबिद अंसारी द्वारा विकास के लिए आये करोड़ो रूपये विकास न कराकर बंदरबांट कर हड़पने का मांमला तूल पकड रहा है। शिकायत के बाद खेल में शामिल चर्चित बाबू सुनील कुमार को तो नगर पंचायत कार्यालय से हटा दिया गया लेकिन अपने कारनामो में फंसे आबिद अंसारी अब भाजपा नेताओं की शरण में जाकर बचने की जुगत में लगा है लेकिन उसे वहां से भी राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है।

जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टचार को हटाने में लगी है वही नगर पंचायत बढ़ापुर चेयरमैन आबिद अंसारी के कारनामों के कारण हमेशा से ही सुर्खियों में रहा है आज भी यह कस्बा विकास से कोसों दूर एक गांव से भी बदतर नज़र आता है जिसका सिर्फ और सिर्फ एक कारण वर्षों से नगर पंचायत पर कुंडली मारे बैठे चेयरमैन आबिद अंसारी हैं जिन्होंने विकास के लिए आए करोड़ो रूपये का बन्दरबांट कर खेल तो किया ही साथ ही बारात घर, श्मशान घाट और कब्रिस्तान के लिए आई धनराशि को भी नहीं छोड़ा और बिना डकार लिए हज़म कर गए। जब विकास कार्यों में लगने वाले रुपयों की बंदरबांट कर हड़पने का पता सभासदों व गणमान्य नागरिकों के माध्यम से उच्चाधिकारियों को चला तो उन्होंने खेल करने के मामले को दबाने में लगे कुर्सी पर कुंडली मारकर बैठे चर्चित बाबू सुनील कुमार को बीती 11 जनवरी को हटा दिया।

लेकिन हटने के बावजूद चर्चित बाबू सुनील कुमार चेयरमैन आबिद अंसारी की शह पर रात के अंधेरे में पंचायत कार्यालय खोलकर फाइलों को खुर्द बुर्द करके चेयरमैन और अपने काले कारनामे छुपाने में लगा रहा। लेकिन जब चर्चित बाबू व चेयरमैन अबिद अंसारी के कारनामें अखबारों की सुर्खियां बने तो पूर्व जिलाधिकारी अटल कुमार राय ने पूर्व ईओ कुमार संजय से पूरे प्रकरण की रिपोर्ट मांगी। डीएम की कार्रवाही से बचने के लिए जो बाबू हफ्तो से चार्ज छोडने को तैयार नही था अपने ऊपर गाज गिरने की डर से रातों रात चार्ज छोडकर भाग निकला।

चर्चित बाबू के जाने के बाद चेयरमैन आबिद अंसारी को नगर पंचायत से करोडों रुपए की बंदरबाट करने में खुद के फंसने का डर सताने लगा है। चेयरमैन आबिद अंसारी अब अपने कारनामों पर पर्दा डालने के साथ साथ नगर पंचायत बढापुर में हुए करोडों के घोटालो पर पर्दा डालने के लिए किसी भ्रष्ट ईओ व बाबू को चार्ज दिलाने के लिए भाजपा नेताओं की शरण मे पहुंच गया है लेकिन वहां से भी उसे राहत मिलने की कोई उम्मीद नज़र नहीं आ रही है।